अड़की प्रखंड के सैकड़ों किसानों ने भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. सभी किसानों ने अड़की प्रखंड मुख्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया.
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Khunti: झारखंड में पिछले काफी समय से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को अपनी धान की चिंता सता रही है. बारिश नहीं होने के कारण खूंटी जिले के किसान परेशान हो चुके हैं. अभी तक भी जिले में धान की रोपाई नहीं हो पाई है. जिसके कारण अड़की प्रखंड के सैकड़ों किसानों ने भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. सभी किसानों ने अड़की प्रखंड मुख्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया.
किया एकदिवसीय धरना प्रदर्शन
दरअसल, झारखंड-बिहार में पिछले काफी समय से अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिसके कारण किसान बेहद परेशान है. खेतों में लगे धान के बिचड़े सूख रहे हैं. खेतों में दरारें पड़ गई हैं. धान की रोपाई के लिए किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार है. बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ रही है. जिसको लेकर अड़की प्रखंड में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष समेत कई नेता मौजूद रहे.
किसानों ने लगाए नारे
धरना प्रदर्शन में मौजूद किसान जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करो के नारे लगा रहे थे. चिंतित किसान बारिश के अभाव में धरना देने को मजबूर है. वहीं, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय सरना समाज के अध्यक्ष भीम सिंह मुंडा ने कहा कि सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है. जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि सरकार के लोग केवल अपने लिए पैसा कमाने में लगे हुए हैं. किसानों और गरीबों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. यही कारण है कि लोग पैसों के साथ पकड़े जा रहे हैं.
मुआवजे देने की मांग
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री जगन्नाथ मुण्डा ने कहा कि सरकार पूरे प्रदेश के कस्बे कस्बे को सूखाग्रस्त घोषित कर सभी को मुआवजा दे. किसान बुंदीराम मुण्डा ने कहा कि अड़की के किसान खेती पर आश्रित हैं. इस बार खेती नहीं होने से किसानों का स्थिति काफी खराब है. किसानों के लिए सरकार को मुआवजा देना होगा, नहीं तो इससे भी अधिक संख्या में लोग जिला केन्द्र में धरने पर बैठेंगे.
इस बार प्रखंड में 10 प्रतिशत भी खेती नहीं हो पाई है, और खेती का समय भी निकल गया है. बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपाई नहीं हो पाई है. जिससे धान की खेती बर्बाद हो रही है.