पीएफआई मसले पर झारखंड सरकार में हलचल, सुप्रियो भट्टाचार्य ने निशिकांत दुबे पर लगाए आरोप
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पीएफआई मसले पर झारखंड सरकार में हलचल, सुप्रियो भट्टाचार्य ने निशिकांत दुबे पर लगाए आरोप

पीएफआई से जुड़े मामले पर निशिकांत दुबे के ट्वीट पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर सरकार के पाप को हेमन्त सरकार से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं निशिकांत. इसीलिए ट्विटर को चाहिए उन्हें बैन किया जाए. 

पीएफआई मसले पर झारखंड सरकार में हलचल, सुप्रियो भट्टाचार्य ने निशिकांत दुबे पर लगाए आरोप

रांचीः झारखंड की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर बदस्तूर जारी है. एक तरफ जहां गोड्डा सांसद ने ट्वीट के जरिये राज्य सरकार को पीएफआई के मामले पर घेरने की कोशिश की तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी के पाप को हेमंत सरकार पर अपने का आरोप लगाते हुए करारा प्रहार किया. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पीएफआई के मामले पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया कि यह है झारखंड सरकार का काला सच, प्रतिबंध के बाद भी फल फूल रहा.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने लगाया आरोप
पीएफआई से जुड़े मामले पर निशिकांत दुबे के ट्वीट पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर सरकार के पाप को हेमन्त सरकार से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं निशिकांत. इसीलिए ट्विटर को चाहिए उन्हें बैन किया जाए. वहीं इस पर सवाल उठाते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर राजनीतिक लज्जा है निशिकांत दुबे में तो आज सफाई दें. सुप्रियो भट्टाचार्य ने निशिकांत दुबे पर आरोप लगाया है कि जिस पीएफआई पर रिपोर्ट को ट्वीट में सगलग्न कर राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं वह खबर 2018 की है.

क्या राज्य सरकार ने पहले कोई कार्रवाई की
झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उठाए गए सवाल पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा था शर्म तो राज्य सरकार को आनी चाहिए. क्योंकि पिछले 3 वर्षों में झारखंड में तुष्टीकरण का नंगा नाच हुआ. जिस वजह से मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ जिहादी मानसिकता वाले युवा हैं उन्हें बल मिला और हिंदू लड़कियों को लव जिहाद के लिए टारगेट किया गया. इनके कार्यकाल में साढ़े हजार से ज्यादा बेटियों के साथ रेप हुए इन्हें माफी इसीलिए मांगी जानी चाहिए क्योंकि सामान्य विद्यालय को इन्होंने उर्दू विद्यालय में बना दिया. संडे की जगह फ्राइडे को छुट्टी कर दी गई. 2018 तक के स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट सार्वजनिक है, लेकिन आखिर राज्य सरकार 2018 के बाद की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से क्यों भाग रही है. बल्कि झारखंड सरकार के पास ऐसा कोई भी एग्जांपल नहीं है, जिससे यह साबित हो कि देशद्रोही संगठनों के खिलाफ उन्होंने कोई कार्रवाई की हो.

इधर निशिकांत दुबे के द्वारा सरकार पर लगाए गए आरोप की वजह से कांग्रेस ने भी उन्हें घेरा है. प्रवक्ता राकेश सिन्हा का कहना है कि इससे यह साबित हो गया कि निशिकांत दुबे महा गठबंधन सरकार को बदनाम करने के लिए इतने उतावले हैं कि भारतीय जनता पार्टी के सरकार के दौरान हुए पाप को हमारी सरकार के ऊपर थोपने का काम कर रहे हैं. मां दुर्गा से मैं यह प्रार्थना करूंगा कि मां उन्हें सद्बुद्धि दें ताकि वे आत्मा विवेचना कर सकें. वही राकेश सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निशिकांत दुबे या बीजेपी कितनी भी कोशिश कर ले 2029 तक इस राज्य के दरवाजे उनके लिए बंद है और 2024 में उनका पूरा कुनबा साफ हो जाएगा. वहीं मामले पर बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि निशिकांत दुबे जी ने जो ट्वीट किया है वह उसके समर्थन में है क्योंकि झारखंड में पीएसआई संगठन बैन होने के बावजूद उन्हें मौन समर्थन ही मिला है.

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