झारखंड हाईकोर्ट जस्टिस अपरेश सिंह ने सेमिनार में मौजूद संबंधित अधिकारियों को सजग होकर काम करने का निर्देश दिया, ताकि पोक्सो अधिनियम बेहतर तरीके से लागू हो सके और इस अधिनियम से बच्चों को इंसाफ मिल सके.
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रांची : रांची के जुडिशल एकेडमी में इफेक्टिव इंप्लीमेंटेशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस विषय पर राज्यस्तरीय सेमिनार आयोजित हुआ. सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस अपरेश सिंह और हाईकोर्ट के कई जज समेत संबंधित तमाम अधिकारी मौजूद थे. सेमिनार में बताया कि पोस्को एक्ट आखिर क्यों जरूरी है. बता दें कि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस को बेहतर तरीके से इंप्लीमेंट करने के उद्देश्य से जागरूकता फैलाई जा रही है.
झारखंड हाईकोर्ट जस्टिस अपरेश सिंह ने सेमिनार में मौजूद संबंधित अधिकारियों को सजग होकर काम करने का निर्देश दिया, ताकि पोक्सो अधिनियम बेहतर तरीके से लागू हो सके और इस अधिनियम से बच्चों को इंसाफ मिल सके. उन्होंने अपने संबोधन में बच्चों द्वारा अपराध की दुनिया में रखे जाने वाले कदम को लेकर भी चिंता जाहिर की और तमाम जिलों में काउंसलर की नियुक्ति की जरूरत पर भी बल दिया. जस्टिस अपरेश सिंह ने चतरा के कोर्ट को मॉडल कोर्ट बताते हुए कहा कि अदालतों को चाइल्ड फ्रेंडली होने की भी जरूरत है ताकि बगैर हिचक के पीड़ित बच्चे अपनी बात को रख सकें.
बाल संरक्षण सोसाइटी के सचिव कृपानंद झा ने बताया कि तमाम लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और इसी वजह से संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वही बाल संरक्षण भी राजेश्वरी ने अधिनियम के इंप्लीमेंटेशन पर तो बल दिया, लेकिन विभिन्न मामले जो थाने की दहलीज तक भी नहीं पहुंच पाते हैं उसे लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है वही बच्चों को गुड और बैड टच को लेकर भी चर्चा करनी होगी. राजेश्वरी ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि नए आदेश के मुताबिक पंचायत स्तर तक कमेटियां भी गठित करनी है. वहीं स्कूलों में भी इससे संबंधित शिक्षा अहम होगी.
इनपुट- कामरान जलीली