दरअसल, चुनावी तैयारी को लेकर नीतीश कुमार इन दिनों अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और सांसदों से मिल रहे हैं. आमने-सामने होने वाली बातचीत के इसी क्रम में उनकी मुलाकात हरिवंश नारायण से हुई.
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क्या बिहार की सियासत में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने वाला है? ये सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से हुई मुलाकात के बाद से उठने लगा है. हरिवंश नारायण जनता दल यूनाइटेड से राज्यसभा सांसद हैं. मुख्यमंत्री के साथ उनकी मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अकटलों का बाजार तेज हो गया है.
इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि महाराष्ट्र की तरह ही बिहार में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. कहा जा रहा है कि एक बार फिर नीतीश कुमार अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं. हालांकि, इसे लेकर न तो एनडीए और न ही नीतीश कुमार की तरफ से कोई बयान जारी किया गया है.
जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण ने पार्टी के मना करने के बावजूद नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. उनके इस कदम पर नीतीश कुमार की पार्टी ने नाराजगी भी जताई थी. हालांकि, वर्तमान में दोनों की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब नीतीश कुमार के पाला बदलने को लेकर कयास तेज हो चुके हैं.
दरअसल, चुनावी तैयारी को लेकर नीतीश कुमार इन दिनों अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और सांसदों से मिल रहे हैं. आमने-सामने होने वाली बातचीत के इसी क्रम में उनकी मुलाकात हरिवंश नारायण से हुई.
क्या बीजेपी करेगी स्वीकार?
क्रिकेट और राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है. इसके बावजूद बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी नीतीश कुमार को एक बार फिर स्वीकार करेगी और करेगी किन शर्तों पर? क्योंकि हाल के दिनों में अमित शाह कई बार बिहार का दौरा कर चुके हैं.
इस दौरान उन्होंने जमकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और कहा था कि बीजेपी के रास्ते नीतीश कुमार के लिए बंद हो चुके हैं. हालांकि, आखिरी दौरे पर उन्होंने नीतीश पर सीधे हमला नहीं बोला. इस बार उन्होंने करप्शन के मुद्दे पर बात की.