Happiest Man: उदासी को मात देकर यह शख्स बना दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान, रिसर्चर भी हैं हैरान
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Happiest Man: उदासी को मात देकर यह शख्स बना दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान, रिसर्चर भी हैं हैरान

World Most Happiest Man: मौजूदा समय में खुश रहना इंसानों के लिए सबसे बड़ा टास्क बनता जा रहा है. हर एक शख्स किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है, जिसकी वजह से वह उदास रहता है. विपत्तियों से भरी इस जिंदगी में एक इंसान ने उदासी को कुछ यूं भी मात दे दी है कि उसके ऊपर दुख का एक अंश भी नहीं दिखाई देता है.

 

फाइल फोटो

How To Be Happy by Meditation: मौजूदा समय में ज्यादातर इंसान किसी न किसी तरह के तनाव से गुजर रहे हैं, ऐसे में उनका उदास होना एक आम बात है लेकिन ये उदासी बढ़ते हुए बीमारी का रूप ले लेती है. हर एक शख्स किसी न किसी दिक्कत से जूझ रहा है जिसकी वजह से वो उदास होता है लेकिन मैथ्यू नाम के एक शख्स ने उदासी को मात देकर सबसे खुशहाल इंसान का ताज अपने सिर पर पहन लिया है. मैथ्यू की जांच करने के लिए कई सेंसर लगाए गए. सेंसर का काम था कि वह मैथ्यू के दिमाग का अध्ययन करें. 12 साल की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों को जो परिणाम मिला वह बिल्कुल हैरान करने वाला था. इस बात को वैज्ञानिकों ने भी माना है कि मैथ्यू दुनिया के सबसे खुशहाल इंसान हैं.

कौन है मैथ्यू रिर्चड?

नोबेल पुरस्कार विजेता डेनियल काह्न मैन का कहना है कि खुशियों का पैसों से कोई लेना देना नहीं होता है और मैथ्यू रिचर्ड ने इस बात को सच करके दिखा दिया है. साल 1946 में जन्मे मैथ्यू के मां-बाप फिलासफी के टीचर थे. मैथ्यू का शुरुआती जीवन किसी सामान्य बच्चे की तरह रहा है लेकिन आगे चलकर उन्होंने मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स में पीएचडी की है. इतनी पढ़ाई के बाद भी मैथ्यू कभी अपने आप को खुश नहीं समझ सकें. खुशी की तलाश में मैथ्यू रिचर्ड फ्रांस छोड़कर तिब्बत की तरफ रवाना हो गए. तिब्बत में आकर वह दलाई लामा के लिए फ्रेंच ट्रांसलेटर के तौर पर काम करने लगे. दलाई लामा के साथ काम करते हुए मैथ्यू रिचर्ड ने बौद्ध धर्म से जुड़ी काफी जानकारियां इकट्ठा कर लीं और इन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया. इसके बाद से मैथ्यू का दुख से नाता टूटता गया और उनसे उदासी दूर होने लगी.

वैज्ञानिकों को पता चली ये बात

विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने मैथ्यू की जांच करने के लिए 12 साल लंबा रिसर्च किया. यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट्स द्वारा उनके सिर पर 256 सेंसर लगाए गए. इन सेंसस का काम था कि मैथ्यू रिचर्ड के दिमाग में चलने वाली हलचल की रीडिंग तैयार करें. इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने भी माना कि मैथ्यू रिचर्ड दुनिया के सबसे खुशहाल इंसान हैं. सेंसर के जरिए वैज्ञानिकों को पता चला कि मैथ्यू के दिमाग का बायां हिस्सा दाएं से अपेक्षा में ज्यादा एक्टिव है. दिमाग का यही हिस्सा क्रिएटिविटी के लिए भी जिम्मेदार होता है.

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