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नई दिल्ली. आपने फिल्मों में देखा होगा कि विलेन किसी को जान से मारने के बाद जायदाद के कागजात पर उसके अंगूठे के निशान ले लेता है. लेकिन असल जिंदगी में ऐसा होना नामुमकिन है. आज कल तो हर जगह फिंगरप्रिंट लगते हैं. आधार कार्ड, बैंक KYC यहां तक कि मोबाइल को ऑन करने के किए तक फिंगरप्रिंट की जरूरत पड़ती है. अगर किसी इंसान की मौत हो जाए तो कितनी देर तक उसके फिंगरप्रिंट काम करेंगे? आइए आपको इसका जवाब बताते हैं.
आपको बता दें कि इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट वैसे नहीं रहते. वे बदल जाते हैं. बदलने से पहले भी आप फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि मरते ही मानव शरीर में इलेक्ट्रिकल चार्ज खत्म हो जाता है. उस इलेक्ट्रिकल चार्ज से ही शरीर का कोशिका तंत्र काम करता है.
मृत्यु से पहले आपके फिंगरप्रिंट्स जितने साफ होते हैं और उन्हें समझा जा सकता है. वैसा मृत्यु के बाद नहीं रह जाता, वो ना केवल बदल जाते हैं बल्कि काफी हद तक ब्लर और अस्पष्ट हो जाते हैं. उनका पैनापन गायब हो जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के 14 जुलाई, 2015 संस्करण में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि प्रिंटिंग के दो सेटों के बीच समय अंतराल बढ़ने के साथ फिंगरप्रिंट पहचान कम विश्वसनीय हो जाती है.
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आपने देखा होगा कि इंसान की मौत के बाद उसका शरीर जकड़ जाता है. इस दौरान उसकी उंगलियां भी बाकी अंगों की तरह जकड़ जाती हैं. जिसके चलते उनका फिंगरप्रिंट लेना आसान भी नहीं रहता. साइंस ने इसके लिए खास उपकरण बनाए हैं. ऐसे में अंगुलियों को एक विशेष घुमावदार उपकरण का उपयोग करके फिंगरप्रिंट लिए जा सकते हैं.
अगर इंसान को मरे ज्यादा समय हो गया हो या फिर शव गल गया हो तो उसके फिंगरप्रिंट लेना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे इंसान के फिंगरप्रिंट केवल फोरेंसिक एक्सपर्ट आधुनिक लैब में ही ले सकते हैं. कई बार इसमें काफी समय भी लग सकता है.
हालांकि ऐसा नहीं है कि मृत व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट से कुछ पता नहीं लग सकता बल्कि एक ही व्यक्ति के जिंदा रहने और मरने के बाद फिंगरप्रिंट में एक खास तरह की सिमैट्री तो होती ही है. कई बार मृतक की पहचान भी फिंगरप्रिंट से होती है. ऐसे में साइंस त्वचा की प्रिंट लेने के लिए सिलिकॉन पुट्टी का इस्तेमाल करती है. सिलिकॉन पुट्टी पर जो प्रिंट बनते हैं उनकी तस्वीर खींच कर उन प्रिंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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आजकल हर मोबाइल फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर लगा होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इंसान के मरने के बाद मोबाइल का ये फिंगरप्रिंट सेंसर काम नहीं करता. दरअसल, मोबाइल में जिस फिंगरप्रिंट सेंसर का इस्तेमाल होता है, उसकी टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस होती है कि वो एक मरे और एक जीवित व्यक्ति के बीच के अंतर को तुरंत पकड़ लेता है. अगर आप आप किसी मृत व्यक्ति के फिंगर को उसके ही मोबाइल के सेंसर पर टच कराएंगे तो वो अनलॉक नहीं होगा.
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