अब इस फॉर्म से भरना होगा इनकम टैक्स रिटर्न, जानें क्या होगी प्रोसेस
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अब इस फॉर्म से भरना होगा इनकम टैक्स रिटर्न, जानें क्या होगी प्रोसेस

वित्त मंत्रालय के ‌विभाग CBDT ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने का रीवाइज फॉर्म निकाला.

अब इस फॉर्म से भरना होगा इनकम टैक्स रिटर्न, जानें क्या होगी प्रोसेस

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के ‌विभाग CBDT ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने का रीवाइज फॉर्म निकाला. अब आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न इस रीवाइज फॉर्म में भरना होगा.

  1. इस साल 31 मार्च 2020 की अंतिम तारीख नहीं मानी जा रही बल्कि 30 जून 2020 की अंतिम तारीख मानी जा रही है.
  2. फॉर्म रीवाइज करने का मकसद ये है कि को कोरोना को देखते हुए करदाता के लिए बहुत से फायदों को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया है.
  3.  टैक्स विभाग को बढ़ी हुई डेडलाइन के साथ करदाताओं को फायदा भी देना है लिहाजा फॉर्म रिवाइज करने की जरूरत थी.

फॉर्म रीवाइज करने का मकसद ये है कि कोरोना को देखते हुए करदाता के लिए बहुत से फायदों को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया है.

रीवाइज फॉर्म से करदाता इन बढ़े हुए समय में किए निवेश या छूट की जानकारी भर सकेंगे. ये फॉर्म वित्त वर्ष 2019-20 का टैक्स भरने के लिए होगा.

हर साल सरकार एक अप्रैल तक फॉर्म नोटिफाई कर देती है ताकि रिटर्न भरने की तैयारी की जा सके, इस बार भी CBDT ने ऐसा कर लिया था लेकिन कोरोना की वजह से इनकम टैक्स एक्ट के पालन में बहुत तरह की टाइमलाइन बढ़ा दी गई और बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया.

जैसे कि निवेश के लिए इस साल 31 मार्च 2020 की अंतिम तारीख नहीं मानी जा रही बल्कि 30 जून 2020 की अंतिम तारीख मानी जा रही है. (यहां इस साल का मतलब 2019-20 है जिसके लिए टैक्स भरा जाना है।) इसी तरह 80D, 80C,80G के तहत छूट तब भी माना जाएगा जब 30 जून 2020 के पहले पालिसी में निवेश किया हो.

80C में LIC, PPF, NSC में निवेश करने पर छूट मिलती है, 80D में मेडिकल खर्च के बिल पर छूट मिलती है, 80G में किसी एनजीओ,ट्रस्ट, धर्मार्थ संस्था को डोनेशन‌ देने पर टैक्स छूट मिलती है.

इसी तरह कैपिटल गेन के तहत रोलओवर बेनिफिट के लिए इंवेस्टमेंट, कंस्ट्रक्शन और परचेस की तारीख बढ़ा कर 30 जून 2020 कर दी गई (सेक्शन 54 से सेक्शन 54GB के अंतर्गत).

चूंकि टैक्स विभाग को बढ़ी हुई डेडलाइन के साथ करदाताओं को फायदा भी देना है लिहाजा फॉर्म रिवाइज करने की जरूरत थी. वहीं इनकम टैक्स विभाग अपने सॉफ्टवेयर और सिस्टम में भी बदलाव करेगा ताकि यह फायदा लिया जा सके. यह बदलाव 31 मई को करदाता को उपलब्ध होंगे. जिन फॉर्म की बात हो रही है, उन फॉर्म में ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) भी शामिल है.

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