J&K Bank: जम्मू कश्मीर बैंक केस में 8 ठिकानों पर CBI की छापेमारी, जानें पूरा मामला
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J&K Bank: जम्मू कश्मीर बैंक केस में 8 ठिकानों पर CBI की छापेमारी, जानें पूरा मामला

J&K Bank Case: जांच में सामने आया कि बैंक अधिकारियों ने बिल्डर, बैंक और सरकारी अधिकारी को फायदा पहुंचाने के लिए ये गैर जरूरी बिल्डिंग खरीदी अब इस मामले में 8 ठिकानों पर छापेमारी की गई है.

 

J&K Bank: जम्मू कश्मीर बैंक केस में 8 ठिकानों पर CBI की छापेमारी, जानें पूरा मामला

J&K Bank Case: सीबीआई ने जम्मू कश्मीर बैंक से जुड़े घोटाले मामले में 8 जगहों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी जम्मू, श्रीनगर और मुंबई में जम्मू कशमीर बैंक बोर्ड के डायरेक्टर, एमआई शैदाद, विक्रांत कुठियाला, तत्कालीन चेयरमैन हसीब दराबू और एक्जक्युटीव डायरेक्टर ए के मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की गई.

हसीब दराबू जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. छापेमारी में सीबीआई ने जांच से जुड़े दस्तावेज, बैंक खातों की जानकारियां, लॉकर जब्त किए हैं. इसी मामले में ED ने अप्रैल महीने में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी पूछताछ की थी.

क्या है पूरा मामला?

ये मामला साल 2008 से 2010 के दौरान का है जब जम्मू कश्मीर बैंक ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में बैंक के लिए ऑफिस लेने का फैसला किया था. इसके लिए बैंक ने नवंबर 2008 में विज्ञापन निकाला कि बैंक को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में 20 हजार स्क्वायर फीट ऑफिस के लिए चाहिए.

ऑफिस के लिए 25 बिल्डर्स ने बैंक से संपर्क किया जिसमें से 8 बिल्डर्स Ashapura Builders (Hallmark Business Plaza), Topaz Akruti Crescenzo (BKC), Platin BKC, Naman Center, Golden Homland Agencies (Wockhardt), Windsor and KRC Towers को शॉर्ट लिस्ट किया गया. इसमें से Ashapura Builders ने सबसे कम दामों (25000 Per Sq Ft) पर बिल्डिंग देने की बोली लगाई. इतना ही नहीं सितंबर 2009 में Ashapura Builders ने तीसरे फ्लॉर पर 30 हजार स्क्वायर फीट जगह सिर्फ 22,500 Per Sq Ft पर देने की बात कही.

मुंबई में खरीदा था ऑफिस

इस दौरान तक कहीं भी Akruti Gold का नाम नहीं था. लेकिन बाद में फिर से बैंक ने जनवरी 2010 में नया विज्ञापन निकाला जिसमें ऑफिस (25000-30000 स्क्वायर फीट) और फ्लैट लेने की बात कही. इस विज्ञापन के बाद फिर से 23 बिल्डरों ने बैंक से संपर्क किया जिसमें Ashapura Builders ने फिर से सबसे कम यानी 25,000 रुपये स्क्वायर फीट की बोली लगाई.

इसके बाद फिर से बैंक के अधिकारियों ने फरवरी 2010 में साइट को देखने के नाम पर Akruti Gold बिल्डर की बनाई बिल्डिंग का मुआयना किया और कहा कि Akruti Gold 26 की बिल्डिंग बैंक के लिये ठीक है. सितंबर 2010 में 26 हजार स्क्वायर फीट के हिसाब से बैंक ने 1,80,57,05,200 करोड़ रुपये में सौदा कर लिया.

गैरजरूरी बिल्डिंग की खरीद

जम्मू कश्मीर एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले की जांच शुरू की और पाया था कि बैंक के पास मुंबई में पहले से ही काफी जगह है और अगर जगह चाहिए भी थी तो सबसे कम बोली Ashapura Builders ने लगायी थी बावजूद इसके Akruti Gold के साथ ये सौदा किया गया. बैंक अधिकारियों ने बिल्डर, बैंक और सरकारी अधिकारी को फायदा पहुंचाने के लिए ये गैरजरूरी बिल्डिंग खरीदी जबकि पहले से ही बैंक के पास मुंबई के बांद्रा कुर्ला में काफी जगह थी.

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जम्मू कश्मीर सरकार ने अगस्त 2021 में इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला किया. इसके बाद सीबीआई ने नवंबर 2021 को Akruti Gold Builders और दूसरे सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसी मामले में ED ने बाद में मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी.

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