दिल्ली के कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत मामले में बड़ा खुलासा, CBI जांच में सामने आई ये बात
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दिल्ली के कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत मामले में बड़ा खुलासा, CBI जांच में सामने आई ये बात

IAS Aspirants Death: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में यह सामने आया है कि दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक पर 'जानबूझकर' बेसमेंट का कमर्शियल इस्तेमाल किया, जो दिल्ली नगर निगम (MCD) के नियमों का उल्लंघन है.

 

दिल्ली के कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत मामले में बड़ा खुलासा, CBI जांच में सामने आई ये बात

Rau's IAS Study Circle: दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सर्किल में 3 छात्रों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में यह सामने आया है कि कोचिंग सेंटर के मालिक पर 'जानबूझकर' बेसमेंट का कमर्शियल इस्तेमाल किया, जो दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा अनुमोदित उपयोग का उल्लंघन है. बता दें इससे 27 जुलाई को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नजर में स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भरने के बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की डूबकर मौत हो गई थी.

1 साल तक कोचिंग के पास नहीं था फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट

आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए सीबीआई (CBI) ने विशेष अदालत से राव आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक अभिषेक गुप्ता और देशपाल सिंह, हरविंदर सिंह, परविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और तजिंदर सिंह सहित अन्य आरोपियों से हिरासत में पूछताछ करने की अनुमति मांगी है, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. शनिवार (31 अगस्त) को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने सभी छह आरोपियों को 4 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रखने का आदेश दिया. जांच एजेंसी ने अदालत को दिए अपने सबमिशन में खुलासा किया है कि कोचिंग संस्थान ने 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उठाई गई चिंताओं के बावजूद लगभग एक साल तक फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के बिना काम किया था.

नोटिस के बाद भी राव कोचिंग ने की लापरवाही

पिछले साल जब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कई स्थानीय कोचिंग संस्थानों के पास अनिवार्य अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (Fire Safety Certificate) नहीं हैं, तो एमसीडी ने राव आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर मास्टरप्लान-2021 का अनुपालन करने का निर्देश दिया था. राव कोचिंग के मालिक ने 8 अगस्त 2023 को एमसीडी को आश्वासन देते हुए जवाब दिया कि उसने प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है, जो अंततः 9 जुलाई, 2024 को संस्थान को जारी कर दिया गया.

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गलत तरीके से किया गया बेसमेंट का इस्तेमाल

जांच में यह भी पता चला है कि एमसीडी ने 9 अगस्त 2021 को इमारत के लिए एक अधिभोग प्रमाणपत्र (Occupancy Certificate) दिया था, जिसमें साफ किया गया था कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग, स्टोरेज और अन्य गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. इसके बावजूद, कोचिंग संस्थान के मालिक अभिषेक गुप्ता ने 5 जनवरी, 2022 को नौ साल के लिए एक लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ₹4 लाख मासिक किराया दिया गया और स्वीकृत उपयोग का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट को लाइब्रेरी और एग्जाम हॉल में बदल दिया.

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सीबीआई ने विशेष अदालत को बताया, 'बेसमेंट के स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में, बिल्डिंग मालिक और कोचिंग मालिक ने जानबूझकर कोचिंग संस्थान चलाने के व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बेसमेंट का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की.' सीबीआई ने यह भी बताया है कि ओल्ड राजेंद्र नगर क्षेत्र में अक्सर मध्यम बारिश के दौरान भी बाढ़ आती है, जिससे परिसर में पानी घुस जाता है.

पानी को रोकने के लिए स्टील के गेट लगाए गए थे, लेकिन 27 जुलाई को भारी बारिश के दौरान अचानक बेसमेंट में पानी भर गया, जहां कई छात्र पढ़ रहे थे. सीबीआई जांच में पाया गया कि डूबने वाले तीन यूपीएससी एस्पिरेंट श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डाल्विन की डूबने के बाद दम घुटने से मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई है. कोचिंग संस्थान अपने संचालन के लिए बेसमेंट सहित सभी मंजिलों का उपयोग कर रहा था, जो इमारत के इच्छित उद्देश्य के विपरीत था.

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