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नई दिल्ली: स्वर्णिम विजय पर्व (Swarnim Vijay Parv) के कार्यक्रम में आज (रविवार को) सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) का आखिरी वीडियो संदेश जारी किया गया. तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash) में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो चुका है. बता दें कि इंडिया गेट (India Gate) पर आज स्वर्णिम विजय पर्व कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. इस कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) का आखिरी संदेश जारी किया गया. इस वीडियो मैसेज को उन्होंने विजय पर्व के लिए वेलिंगटन जाने से पहले रिकॉर्ड किया था.
अपने आखिरी संदेश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर मैं भारतीय सेना (Indian Army) के सभी बहादुर जवानों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजय पर्व के तौर पर मना रहे हैं. मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
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उन्होंने आगे कहा कि 12 से 14 दिसंबर तक इंडिया गेट पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ये बड़े सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति की लौ की छांव में आयोजित किया जा रहा है जोकि हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी. हम सभी देशवासियों को इस विजय पर्व के जश्न में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं. अपनी सेनाओं पर है हमें गर्व, आओ मिलकर मनाएं विजय पर्व, जय हिंद.
CDS बिपिन रावत का आखिरी संदेश जारी, स्वर्णिम विजय पर्व कार्यक्रम में दिखाया गया संदेश #GeneralBipinRawat
अन्य Videos यहां देखें - https://t.co/ZoADfwSi4S pic.twitter.com/LZNEFyn4ww
— Zee News (@ZeeNews) December 12, 2021
स्वर्णिम विजय पर्व के मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि स्वर्णिम विजय पर्व भारतीय सेनाओं की उस शानदार विजय के उपलक्ष्य में है, जिसने दक्षिण एशिया के इतिहास और भूगोल दोनों को बदल कर रख दिया. यह आयोजन और भी भव्य और दिव्य रूप में करने का निर्णय हुआ था मगर देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के बाद इसे सादगी के साथ मानने का निर्णय लिया गया है. आज के अवसर मैं उन्हें भी स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
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उन्होंने आगे कहा कि आज के दिन मैं भारतीय सेना के हर उस सैनिक के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूं, जिनकी वजह से 1971 के युद्ध में भारत ने विजय हासिल की. ये देश उन सभी वीरों के त्याग और बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा. ये युद्ध हमारी नैतिकता, हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं और न्यायपूर्ण व्यवहार का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं. ऐसा इतिहास में कम ही देखने को मिलेगा कि कोई देश किसी दूसरे देश को युद्ध में हराने के बाद, उसपर अपना प्रभुत्व न जताए बल्कि वहां के राजनीतिक प्रतिनिधि को सत्ता सौंप दे.