UP: एक ऐसा मुख्यमंत्री जो खुद को 'चोर' कहता था, लेकिन जलवे में था नेहरू पर भारी
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UP: एक ऐसा मुख्यमंत्री जो खुद को 'चोर' कहता था, लेकिन जलवे में था नेहरू पर भारी

उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मुख्‍यमंत्री भी हुआ जिसकी लोकप्रियता देखकर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी खार खाते थे. इसके बाद भी वह 3 बार यूपी के सीएम बने. 

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली: देश में चुनाव का माहौल है और सबसे ज्‍यादा नजरें उत्तर प्रदेश के चुनावों (UP Elections) पर हैं. आबादी के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्‍य होने के साथ-साथ देश की राजनीति में भी उत्तर प्रदेश हमेशा से अहम रहा है. एक बार तो यहां ऐसे मुख्‍यमंत्री भी हुए हैं, जिनका जलवा तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) पर भी भारी पड़ता था. कहा जाता था कि यदि नेता नेहरू के पैर छूते थे तो यूपी के इस सीएम के आगे साष्‍टांग प्रणाम करते थे. यहां हम बात कर रहे हैं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता (Chandra Bhanu Gupta) की. वे यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे. 

  1. पूर्व सीएम चंद्रभानु गुप्‍ता का था जबरदस्‍त जलवा 
  2. लोकप्रियता में थे नेहरू से आगे 
  3. खुद को कह देते थे चोर 

खुद को कहते थे चोर 

यूपी के पूर्व सीएम चंद्रभानु गुप्ता शायद देश के इतिहास में ऐसे इकलौते मुख्‍यमंत्री रहेंगे, जो खुद को ही चोर कहते थे. विपक्ष उन पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाए तो वे उससे विचलित नहीं होते थे, बल्कि मजाक में खुद ही कह देते थे, 'गली-गली में शोर है, चंद्रभानु गुप्ता चोर है'. लेकिन उनकी ईमानदारी और जलवा ऐसा था कि नेता उनके आगे नतमस्‍तक होने पर मजबूर हो जाते थे. 

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मरने के बाद खाते में मिले केवल 10 हजार 

चंद्रभानु गुप्‍ता की ईमानदारी का सबसे बड़ा उदाहरण उनका बैंक अकाउंट ही थी, जिसमें उनके निधन के बाद महज 10 हजार रुपये मिले थे. वे आजीवन ब्रह्मचारी रहे और पूरा जीवन समाजसेवा-राजनीति में अर्पित कर दिया. अलीगढ़ के बिजौली में 14 जुलाई, 1902 को जन्‍म चंद्रभानु गुप्‍ता ने लखनऊ से वकालत पढ़ी और वहीं प्रैक्टिस भी की. जब काकोरी कांड हुआ तो उसमें सामने आए वकीलों में एक नाम चंद्रभानु गुप्‍ता का भी था. वे काकोरी कांड के क्रांतिकारियों के बचाव दल के अधिवक्ताओं में शामिल थे. 

नेहरू को पसंद नहीं थे चंद्रभानु गुप्‍ता 

चंद्रभानु गुप्‍ता की लोकप्रियता गजब थी. आलम यह था कि उनकी इसी लोकप्रियता ने उन्‍हें नेहरू के आंखों की किरकिरी बना दिया था. 1926 में कांग्रेस में शामिल हुए चंद्रभानु गुप्‍ता तेजी से राजनीति में आगे बढ़े और देखते ही देखते यूपी की सियासत में बड़ी ताकत बन गए. वे एक नहीं तीन बार यूपी के सीएम बने. वहीं चौथी बार उन्‍हें सीएम बनने से रोकने के लिए कांग्रेस ने एक चाल चली और उनकी जगह सुचेता कृपलानी को सीएम बना दिया. हालांकि उसके बाद चंद्रभानु गुप्ता का जलवा कम नहीं हुआ. 11 मार्च, 1980 को यूपी के इस लोकप्रिय राजनेता ने अंतिम सांस ली थी. 

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