Ajit Pawar: एनसीपी नेता छगन भुजबल के 75वें जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में अजित पवार ने उद्धव ठाकरे से कहा कि संकट के दौरान अगर आपने अनुभवी राजनेता छगन भुजबल से मदद मांगी होती, तो आप सीएम पद को बरकरार रखने में कामयाब हो गए होते.
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Chhagan Bhujbal Birthday: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने गुरुवार को शिवसेना में हुई टूट को लेकर काफी महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा कि अगर उन्होंने शिवसेना के अंदर विद्रोह से पैदा हुए संकट के दौरान अनुभवी राजनेता छगन भुजबल से मदद मांगी होती, तो वह राज्य में सीएम पद को बरकरार रखने में कामयाब हो गए होते. उन्होंने यह बातें भुजबल के 75वें जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही. कार्यक्रम में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के कई नेताओं ने शिरकत की.
पवार ने बताया, कैसे बचाई थी बिलासराव देशमुख की कुर्सी
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने एनसीपी के गठन में भुजबल की भूमिका को याद करते हुए बताया कि ‘कैसे उन्होंने 2002 में संकट में घिरी विलासराव देशमुख की सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. पवार ने कहा कि 1999 में राकांपा का गठन होने के महज चार महीने बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हो गए. अगर पार्टी के पास और समय होता तो यह और सीटें जीत सकती थी और भुजबल मुख्यमंत्री बनते.’
उद्धव ने कहा- शिवसेना नहीं छोड़ते तो सीएम बन गए होते भुजबल
अजित पवार की बातों पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘अगर छगन भुजबल ने शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए होते.’ ठाकरे ने कहा, ‘अब मैं ऐसा व्यक्ति बन गया हूं, जिसे कोई झटका नहीं लगता. लेकिन जब भुजबल ने शिवसेना छोड़ी थी, तो मैं स्वीकार करता हूं कि हमारा परिवार स्तब्ध रह गया था. वह गुस्सा (जो उस समय निकला) राजनीतिक था. हम लंबे समय तक इस बात को पचा नहीं पाए कि हमारे परिवार का एक सदस्य हमें छोड़कर चला गया है.’
1990 में छगन भुजबल ने शिवसेना छोड़ थामा था कांग्रेस का हाथ
बता दें कि एक समय शिवसेना के तेजतर्रार नेता रहे भुजबल ने 1990 में बाल ठाकरे की पार्टी शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इसके बाद जब पवार ने एनसीपी का गठन किया, तो वह उनके साथ चले गए थे. उन्हीं के 75वें जन्मदिन पर गुरुवार को यह खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट भी शामिल हुए.
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