जिंदगी-मौत की जंग से जूझ रहे बच्चे के लिए WhatsApp बना वरदान
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जिंदगी-मौत की जंग से जूझ रहे बच्चे के लिए WhatsApp बना वरदान

सोशल मीडिया के जरिए ब्लड कैंसर से जूझ रहे ध्रुव की मदद कर शिरडी के युवकों ने अनूठी मिसाल कायम की है.

14 साल के ध्रुव ब्लड कैंसर से जूझ रहे हैं.

नई दिल्ली: सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की खबरें तो अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन अच्छे काम के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल का एक उदाहरण सामने आया है. नासिक के अस्तपाल में ब्लड कैंसर से जूझ रहे बच्चे को सोशल मिडिया से बहुत बड़ी मदद मिली है. इस बच्चे के इलाज के लिए शिरडी के 111 लोगो ने रक्तदान किया. इससे पहले इस बच्चे की परिवारवालों ने वॉट्सऐप पर रक्तदान की अपील की थी.

देखते देखते ये मैसेज वायरल हो गया. इसके बाद शिरडी के कुछ युवकों ने इस बच्चे की मदद के लिए रक्तदान की अपील की और इसके लिए जरूरी इंतजाम भी किए. इसके बाद 111 लोगों ने रक्तदान करके एक मिसाल कायम की. 

पिता ने भेजा मैसेज 
नासिक के अस्पताल में ब्लड कैंसर से जूझ रहे 14 साल के ध्रुव के लिए सोशल मीडिया फरिश्ता साबित हुआ है. ब्लड कैंसर से जूझते ध्रुव का नासिक के नामको कैंसर अस्पताल में इलाज चल रहा है. उसे हर दिन 10 से 12 यूनिट खून चढ़ाया जाता है. ध्रुव का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है. ब्लड बैंक के पास इस ग्रुप के खून की कमी थी. घर वाले खून के लिए बड़ी रकम अदा कर रहे थे. 

नासिक की समता ब्लड बैंक कई दिनो से ध्रुव को ए पॉजिटिव ब्लड मुहैया करा रही थी. लेकिन इस खून की ब्लड बैंक में कमी थी. ध्रुव के परिजन उसके इलाज को लेकर चिंतित थे. इसके बाद ध्रुव के पिता ने सोशल मिडिया पर रक्त दान की अपील करने वाला मैसेज डाला. वॉट्सऐप के जरिये संदेश एक से दूसरे तक पहुंचा. शिरडी में ये मैसेज वायरल हुआ. जब ये मैसेज शिरडी में साईनाथ नाम के युवक के पास पहुंचा तो उन्होंने अपने दोस्तो को भी रक्तदान के लिये प्रेरित किया. इस प्रकार 111 लोगों ने शिरड़ी में रक्तदान किया.

कायम की मिसाल 
ध्रुव के पिता चेतन लोढे का कहना है कि जब ब्लड बैंक में खून की कमी महसूस हुई तो वे परेशान थे. तब उनके दोस्तों ने सुझाव दिया कि रक्तदान के लिए वॉट्सऐप मैसज किया जाए. इसके बाद उन्होंने ए पॉजिटिव ग्रुप के लिए मैसेज डाल दिया. इस मैसेज के वायरल होने के बाद शिरडी से 175 लोग आगे आये. इनमे से 111 लोगों का बल्ड ग्रुप ध्रुव से मैच हुआ और इन 111 लोगों ने रक्तदान किया.

उन्होंने बताया, 'अभी भी मेरे बेटे के ईलाज के लिए हमे और रक्त की जरुरत रहेगी. तो मैं मदद की अपील करता हूं. दो दिन से ध्रुव की हालात पहले से बेहतर है.' नामको कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर शशिकांत पारेख का कहना है कि अस्पताल ने ध्रुव के ब्लड बैंक के लिए अलग केबिन का इंतजाम किया है. सोशल मीडिया के माध्यम से मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन दूसरी तरफ सोशल मिडिया के अच्छे काम सामने आते रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिए ब्लड कैंसर से जूझ रहे ध्रुव की मदद कर शिरडी के युवकों ने अनूठी मिसाल कायम की है.

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