UNSC में चीन ने चौथी बार लगाया अड़ंगा, आतंकी मसूद अजहर पर नहीं लगी पाबंदी
Advertisement
trendingNow1506328

UNSC में चीन ने चौथी बार लगाया अड़ंगा, आतंकी मसूद अजहर पर नहीं लगी पाबंदी

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने का यह पिछले 10 साल में किया गया चौथा प्रयास था 

.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित किए जाने के प्रस्ताव पर बुधवार को फिर से कोई फैसला नहीं हो सका. चीन ने पाकिस्तान से दोस्ती निभाते हुए चौथी बार अड़ंगा लगा दिया. चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव को रद्द करवा दिया. सबकी नजरें चीन पर थीं क्योंकि वह 2009 के बाद से तीन बार अड़ंगा डाल चुका था. पुलवामा हमले के बाद, अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था.

फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा लाए गए आपत्ति उठाने के लिए 10 कार्यदिवस का समय था. यह अवधि बुधवार दोपहर (न्यूयार्क के समयानुसार) तीन बजे (भारतीय समयानुसार साढ़े 12 बजे रात बृहस्पतिवार) खत्म हो रही थी. समिति अपने सदस्यों की सर्वसम्मति से फैसले लेती है. उधर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट करके कहा कि, हम तमाम छोटे-बड़े देशों के आभारी हैं जिन्होंने भारत का समर्थन किया. 

पिछले 10 साल में किया गया था चौथा प्रयास
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने का यह पिछले 10 साल में किया गया चौथा प्रयास था लेकिन चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल किए जाने के कारण सफलता नहीं मिली. हालांकि इस बार कई देशों ने भारत का साथ दिया लेकिन चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया. पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद के खिलाफ कूटनीतिक अभियान तेज करते हुए 25 देशों के दूतों को इस बारे में अवगत कराया था.

भारत ने 2009 में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद 2016 में भारत ने इस संबंध में पी3 देशों यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र की 1267 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था.

इसके बाद 2017 में भारत ने पी3 देशों के साथ इसी प्रकार का प्रस्ताव फिर से पेश किया लेकिन सभी मौकों पर वीटो का अधिकार रखने वाले सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके इसमें अडंगा डाला. दरअसल चीन पाकिस्तान का बेहद करीबी मुल्क है, और वह पहले भारत फिर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव पर तकनीकी रोड़े अटका चुका है. सब की निगाहें अब इस ओर लगी थी कि इस प्रस्ताव पर चीन इस बार क्या रुख अपनाता है.

जानिए, मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर क्या होता असर
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक नया प्रस्ताव पेश किया था. वैश्विक आतंकवादी की सूची में नाम आने से मसूद पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लग जाता. साथ ही उसकी संपत्ति जब्त हो जाती.

पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वीटो के अधिकार वाले तीन देशों ने बुधवार को यह नया प्रस्ताव पेश किया था. मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले 10 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र में यह चौथा ऐसा प्रयास था.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news