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नई दिल्ली: भारतीय खुफिया एजेंसियों का दावा है कि चीन (China) उत्तर-पूर्वी भारत खासतौर पर मणिपुर (Manipur) में आतंकवाद को एक बार फिर बढ़ावा देने में जुटा हुआ है. एजेंसियों के मुताबिक चीन न केवल मणिपुर में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों को बड़े पैमाने पर हथियार मुहैया करा रहा है बल्कि कम से कम चार आतंकवादी नेताओं को अक्टूबर में चीन में ट्रेनिंग दी गई है. इसी साल जुलाई में मणिपुर के चंदेल जिले में घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के चार सैनिक शहीद हो गए थे और चार जख्मी हुए थे.
खुफिया एजेंसियों को मिली खबर के मुताबिक मणिपुर में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों Revolutionary People's front(RPF), People's Liberation Army for Manipur( PLAM) और United National Liberation Front (UNLF) को म्यांमार के चिन राज्य के सेनम और बुआलकुंग में चल रहे शिविरों में भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार दिए गए हैं. इनमें AK-47, AK-56, हैंड ग्रेनेड, नाइट विज़न डिवाइस और गोलीबारूद जैसे खतरनाक हथियार शामिल हैं. ये सभी हथियार चीन (China) में बने हैं.
अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि ये हथियार सीमा पार कर मणिपुर (Manipur) पहुंच गए हैं या नहीं. जुलाई में असम राइफल्स के जवानों पर हुए हमले के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां म्यांमार और बांगलादेश में मणिपुर के आतंकवादी गिरोहों की गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं. भारतीय सेना की ओर से वर्ष 2015 में म्यांमार की सीमा पर बने आतंकवादी शिविरों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मणिपुर में आतंकवादी गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लग गई थी. दरअसल 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें 18 सैनिकों की जान चली गई थी. इसके बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी.
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विशेषज्ञों का कहना है कि लद्दाख में पिछले 7 महीने से भारत-चीन के बीच चल रहे सैनिक तनाव के बाद जुलाई से मणिपुर (Manipur) में आतंकवादियों को मदद करने का सिलसिला शुरू हुआ है. मणिपुर में सक्रिय कई आतंकवादी गिरोहों को मदद करके चीन (China) भारतीय सेना के लिए एक और मोर्चा खोलना चाहता है. इससे पहले कश्मीर के आतंकवादी गिरोहों के साथ चीनी अधिकारियों की पीओके में बैठक की खबरें आ चुकी हैं.
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