कोरोना से मौत के दावों की पड़ताल करेगी केंद्र की टीम, फर्जी मिलने पर हो सकती है सजा
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कोरोना से मौत के दावों की पड़ताल करेगी केंद्र की टीम, फर्जी मिलने पर हो सकती है सजा

कोरोना (Corona) से हुई मौतों के दावों की जांच के लिए केंद्र सरकार फ्रंट फुट पर आ गई है. सरकार ने जांच (Investigation) के लिए टीमें भेजी हैं. 

कोरोना से हुई मौत के दावों की होगी जांच

नई दिल्ली: महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में केंद्र सरकार (Central Government) ने अपनी टीमें भेजी हैं. ये टीमें कोविड से होने वाली मौतों के मुआवजों (Compensation) के दावों की पड़ताल करेंगी. रैंडम चेकिंग के जरिए इन दावों का मूल्यांकन होगा. मूल्यांकन में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 52 के तहत कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि ये टीमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक गठित की गई हैं.

  1. कोरोना से हुई मौत को लेकर दावे
  2. जांच के लिए केंद्र ने भेजी टीमें
  3. सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक आदेश में कहा था कि राज्य सरकारें केंद्र की टीम को मदद करेंगी और कुल दावों के 5% केस की समीक्षा (Analysis) की जाएगी. इससे पता लगाया जा सकेगा कि कोविड से हुई मौतों के मामले में मुआवजे के लिए जो दावे किए गए, उन्हें किस आधार पर मंजूर या रिजेक्ट किया गया. 

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दो साल की सजा का प्रावधान

कोर्ट ने कहा कि अगर इन दावों में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (Disaster Management Act) 2005 की धारा 52 के तहत उस व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकती है. इस धारा के तहत दो साल की सजा का प्रावधान है. 4 राज्यों में तीन-तीन सदस्यीय टीम जाएगी. ये टीम स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा. कोरोना वायरस से मौत होने पर मृतक का परिवार मुआवजे के लिए आवेदन कर सकता है. 

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50 हजार तक का मुआवजा

30 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से हुई मौतों के मामले में सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिया था. इस आदेश के तहत डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू होने की वजह से मृतक के परिवार को दावा करने पर 50 हजार तक का मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने 31 मार्च 2022 को डीएमए यानी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट खत्म कर दिया. लिहाजा अब मुआवजा नहीं मिलेगा. हालांकि कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर इस योजना को लागू रखा हुआ है और उत्तर प्रदेश उनमें से एक है. 

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