कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार शाम यहां राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. दोनों नेताओं की यह मुलाकात करीब आधा घंटा चली.
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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और वाम दलों समेत आठ विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर एकत्र हुए और उन्होंने अनेक विषयों पर बातचीत की. सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच यह बैठक हुई. हालांकि बाद में शरद पवार से कांग्रेस नेता कमलनाथ ने अलग से मुलाकात की.
बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने कहा कि यह ‘राष्ट्र मंच’ के समान विचार वाले लोगों की ‘अराजनीतिक बैठक’ थी. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य नेताओं के साथ संगठन की स्थापना की थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध पर बैठक से पहले इसे लेकर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि यह अराजनीतिक बैठक है.
बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली जिसमें सिन्हा के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी (सपा) के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के बिनय विस्वाम तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता नीलोत्पल बसु शामिल हुए. कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता पवन वर्मा ने भी बैठक में भाग लिया। इनके अलावा बैठक में जावेद अख्तर, के सी सिंह और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह जैसी हस्तियां भी शामिल हुईं.
राष्ट्र मंच के संस्थापकों में शामिल एवं राकांपा नेता माजिद मेनन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह बैठक किसी भाजपा विरोधी मोर्चे या गैर-कांग्रेसी मोर्चे के गठन के लिए नहीं थी. उन्होंने कहा, 'यह किसी गैर-भाजपाई राजनीतिक मोर्चे की बैठक नहीं थी जिसे शरद पवार ने बुलाया हो. यह उनके आवास पर हुई राष्ट्र मंच की बैठक थी. समान विचार वाले लोगों ने बैठक में भाग लिया और बैठक में अनेक अराजनीतिक लोग उपस्थित थे.'
मेनन ने इन अटकलों को खारिज किया कि गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की कवायद चल रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई कोशिश नहीं है और कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा, मनीष तिवारी तथा अभिषेक मनु सिंघवी समेत पांच कांग्रेस सांसदों को बैठक के लिए बुलाया गया था लेकिन कुछ आवश्यक कार्यों से वे नहीं आ सके. बैठक के बाद सपा नेता तिवारी ने कहा कि बैठक का व्यापक उद्देश्य जनकेंद्रित विषयों पर बातचीत करना था और यह भी महसूस किया गया कि ऐसा एक मंच होना चाहिए जहां इन मुद्दों को मुख्यधारा में लाया जा सके.
माकपा नेता नीलोत्पल बसु ने भी कहा कि यह राजनीतिक बैठक नहीं थी बल्कि समान विचारों वाले लोगों के बीच संवाद था. उन्होंने कहा, 'बैठक में कोविड प्रबंधन, संस्थानों पर ‘हमले’ और बेरोजगारी जैसे विषयों पर चर्चा हुई.' सिन्हा ने 2018 में ‘राष्ट्र मंच’ का गठन किया था जिसने भाजपा नीत सरकार की नीतियों पर निशाना साधा.
देश के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल पवार के हर राजनीतिक दल में नेताओं से अच्छे संबंध हैं. उनके ही प्रयासों से महाराष्ट्र में विपरीत विचारधारा वाली शिवसेना और कांग्रेस ने राकांपा के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को पवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी और राकांपा ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार शाम यहां राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. दोनों नेताओं की यह मुलाकात करीब आधा घंटा चली. यह मुलाकात पवार के निवास पर हुयी. उनकी यह मुलाकात ऐसे दिन हुयी जब पवार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक को गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे के गठन के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है. दोनों नेताओं की इस मुलाकात से नयी अटकलों को हवा मिली है. हालांकि, पवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी और कमलनाथ उनसे मिलना चाहते थे क्योंकि पवार पिछले दिनों अस्वस्थ हो गए थे.