भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेताओं ने संघ परिवार के कुछ संगठनों द्वारा जबरन कराए गए धर्मपरिवर्तन से पैदा विवाद के जोर पकड़ने के बीच आज रात एक बैठक की। इस मुद्दे को लेकर संसद में कार्यवाही बाधित हुई है जहां बीमा और कोयला सेक्टर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विधेयक विपक्ष के हंगामे के चलते अटके पड़े हैं।
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नई दिल्ली : भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेताओं ने संघ परिवार के कुछ संगठनों द्वारा जबरन कराए गए धर्मपरिवर्तन से पैदा विवाद के जोर पकड़ने के बीच आज रात एक बैठक की। इस मुद्दे को लेकर संसद में कार्यवाही बाधित हुई है जहां बीमा और कोयला सेक्टर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विधेयक विपक्ष के हंगामे के चलते अटके पड़े हैं।
सरकार के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निवास पर रात्रिभोज पर यह बैठक बुलायी गयी जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ के दूसरे बड़े कद्दावर नेता भैय्याजी जोशी के अलावा केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अरूण जेटली और सुषमा स्वराज ने शिरकत की। संसद का शीतकालीन सत्र कल समाप्त हो रहा है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक हालात और देशभर में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर सरकार तथा भाजपा पर विपक्ष के हमलों से उत्पन्न प्रशासन से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। शीर्ष नेताओं के बीच यह विचार विमर्श ऐसे समय में हुआ है जब दक्षिण पंथी हिंदू संगठन धर्म परिवर्तन को आगे बढ़ा रहे हैं और उनके शीर्ष नेता इसे घर वापसी की संज्ञा दे रहे हैं।
पार्टी नेताओं ने रात में हुई बैठक में उठे मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी है लेकिन भाजपा सूत्रों ने बताया कि यह एक आवधिक समीक्षा बैठक थी जिसमें भाजपा नेताओं, उसके वैचारिक संघ आरएसएस और सरकार ने एक साथ बैठकर राजनीतिक स्थिति तथा पार्टी के साथ सुचारू समन्वय सुनिश्चित करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
बताया जाता है कि बैठक में आरएसएस और भाजपा ने धर्मांतरण विरोधी कानून के लिए अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया। सरकार और भाजपा ने ऐसे कानून के प्रति अपनी तैयारी जाहिर की लेकिन इस कदम के लिए समर्थन की जिम्मेदारी विपक्ष पर डाल दी। बैठक में शामिल अन्य नेताओं में भाजपा महासचिव राम लाल और राम माधव भी थे जो संघ और संघ के वरिष्ठ नेता बजरंग लाल गुप्ता से करीब से जुड़े हुए हैं।
सरकार संसद में विपक्ष के आक्रामक रूख को लेकर चिंतित है जहां राज्यसभा में कार्यवाही पिछले कई दिन से ठप पड़ी है और बीमा विधेयक जैसे कई सुधार विधेयक मंजूरी के लिए अटके पड़े हैं। आज यह विवाद लोकसभा तक भी पहुंच गया।