डब्बावाले, मुंबई (Mumbai) के टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन के साथ पंजीकृत हैं. कोरोना (Coronavirus) संकट की वजह से लॉकडाउन (Lockdown) के बाद कई डब्बावाले (Dabbawala) गांव वापस चले गए थे. लेकिन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन ने अब इनके लिए नई शुरुआत करने का फैसला किया है.
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुंबई के डब्बावाले (Mumbai Dabbawala) वैसे तो पिछले 130 वर्षों से मुंबई में लंच बॉक्स (Lunchbox) की डिलीवरी कर रहे हैं. लेकिन कोरोना संकट (Coronavirus Crisis) का असर इनके काम पर भी पड़ा है. जिसकी वजह से अब ये डब्बावाले फल, दूध और सब्जियों की डिलीवरी करने के काम से जुड़ने जा रहे हैं. कोरोना वायरस (Coronaviru) के दौर में अब इनके पास लंच बॉक्स की डिलिवरी का काम अब बहुत कम रह गया है.
ये मुंबई के टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन के साथ पंजीकृत हैं. करीब 5000 डब्बावाले पंजीकृत हैं. लेकिन अभी सिर्फ 450 डब्बा सेवा का संचालन कर रहे हैं. क्योंकि, इनके पास बस कुछ ही ग्राहक हैं.
इसकी वजह ये है कि राज्य सरकार ने इन्हें कारोबार की अनुमति तो दे दी लेकिन कई लोगों की इस दौरान नौकरियां चली गई. कुछ लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे. वहीं कुछ सोसायटीज में इन्हें जाने की इजाजत नहीं थी इसलिए डब्बेवालों का काम लगभग बंद पड़ गया.
कोरोना (Coronavirus) संकट की वजह से लॉकडाउन (Lockdown) के बाद कई डब्बावाले गांव वापस चले गए थे. लेकिन टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन ने अब इनके लिए नई शुरुआत करने का फैसला किया है. अब ये फल, सब्जियां और दूध डिलीवर करने के काम से जुड़ेंगे. क्योंकि, ज्यादातर डब्बेवाले किसान हैं इसलिए इस काम से जुड़कर इनके लिए जीवनयापन के नए रास्ते खुलेंगे.