Covaxin vs Covishield विवाद: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने जारी किया ज्वाइंट स्टेटमेंट, जानें क्या कहा
Advertisement
trendingNow1821903

Covaxin vs Covishield विवाद: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने जारी किया ज्वाइंट स्टेटमेंट, जानें क्या कहा

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने रविवार को कहा था कि फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ही प्रभावी हैं, जबकि बाकी सिर्फ पानी की तरह सुरक्षित हैं. इसके बाद विवाद शुरू हो गया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है. टीकों को मंजूरी मिलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के बयान पर दोनों कंपनियों के बीच वैक्सीन वॉर शुरू हो गया. अब विवाद पर लगाम लगाते हुए सरकार की ओर से मंगलवार को दोनों कंपनियों के हस्ताक्षर वाला ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया.

  1. अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला ने की चर्चा
  2. दोनों ने कहा कि लोगों की जान बचाना बड़ा लक्ष्य
  3. अदार पूनावाला के बयान पर शुरू हुआ था विवाद
  4.  

अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला ने की चर्चा

सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला ने कोरोना वैक्सीन को बनाने और इसे भारत के अलावा दुनिया तक पहुंचाने को लेकर चर्चा की. दोनों ने कहा कि इस वक्त भारत और दुनिया के लोगों की जान बचाना बड़ा लक्ष्य है. दोनों वैक्सीन में जीवन बचाने और जल्द से जल्द अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की शक्ति है.'

लाइव टीवी

ये भी पढ़ें- Corona Vaccine को लेकर Bill Gates ने भारत की लीडरशिप को सराहा, तारीफ में कही ये बात

'वैक्सीन बनाने, आपूर्ति और वितरण पर फोकस'

ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया, 'भारत में दो कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, तो अब हमारा फोकस वैक्सीन बनाने, आपूर्ति और वितरण पर है. हम उच्च गुणवत्ता, सुरक्षित और प्रभावकारी टीके को ऐसी आबादी तक पहुंचाना चाहते हैं, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है. हमारे संस्थान देशहित में इस काम को पहले की तरह ही करते रहेंगे और आगे बढ़ेंगे.'

वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रण

बयान में आगे कहा गया, 'हमारी प्रत्येक कंपनी योजना के अनुसार अपनी कोविड-19 वैक्सीन विकास गतिविधियों को जारी रखेगी. हम टीकों के महत्व से पूरी तरह अवगत हैं. हम अपने कोरोना वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रण लेते हैं.

क्या है पूरा विवाद?

दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना के खिलाफ केवल तीन टीके प्रभावी हैं- फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, जबकि बाकी सिर्फ 'पानी की तरह सुरक्षित' हैं. अदार पूनावाला के बयान के बाद विवाद शुरू हो गया और इसको स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) से जोड़कर देखा जाने लगा. इसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के CMD कृष्णा इल्ला ने नाराजगी जताई और कहा, 'हम 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमें बैकलैश मिलता है. अगर मैं गलत हूं तो मुझे बताओ. कुछ कंपनियों ने हमारे टीके को 'पानी' की तरह बताया है. मैं इससे इनकार करना चाहता हूं. हम वैज्ञानिक हैं. हमारे ट्रायल पर कोई सवाल ना उठाए.'

VIDEO

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news