COVID-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) के साइड इफेक्ट का दावा करने वाले वॉलंटियर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने 100 करोड़ रुपए का मानहानि का केस दायर किया है.
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नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के जबरदस्त दुष्प्रभाव (Side effect) का दावा करने वाले युवक के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने 100 करोड़ रुपए का मानहानि का केस किया है. युवक ने दावा किया है कि वैक्सीन परीक्षण के दौरान दिए गए डोज से उसे ‘वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन’ हुआ है. सीरम इंस्टीट्यूट ने ये आरोप पूरी तरह गलत बताए हैं.
‘आरोप दुर्भावनापूर्ण’
सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने कहा है कि वॉलंटियर का वैक्सीन ट्रायल से पहले और बाद में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. वॉलंटियर की मौजूदा स्थिति का वैक्सीन परीक्षण से कोई संबंध नहीं है. युवक के सारे आरोप दुर्भावनापूर्ण और गलत हैं.
100 करोड़ रुपये मानहानि
सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक वॉलंटियर को मेडिकल टीम द्वारा पहले ही बता दिया गया था कि उसे जो परेशानी हुई है, वो टीका परीक्षण की वजह से नहीं है. इसके पूरे तथ्य देने के बाद भी उसने संस्थान की प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश की है. इन झूठे दावों के खिलाफ इंस्टीट्यूट ने 100 करोड़ रुपये मानहानि का केस किया गया है.
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वॉलंटियर का दावा
चेन्नई निवासी एक 40 वर्षीय वॉलंटियर को 1 अक्टूबर को चेन्नई के श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (SRIHER) में कोरोना वैक्सीन की खुराक दी गई. वॉलंटियर ने 21 नवंबर को एक कानूनी नोटिस दिया, जिसमें उसने दावा किया है कि वैक्सीन लगने के बाद उसे तेज सिरदर्द और जलन हुई. वॉलंटियर का कहना है कि उसकी आवाज चली गई है और वह किसी को पहचान भी नहीं पा रहा. वॉलंटियर का दावा है कि वैक्सीन के बहुत दुष्प्रभाव हैं.
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