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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की तीसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हो सकती है और उसका पीक सितंबर से लेकर अक्टूबर तक हो सकता है. इस समय रोजाना पांच लाख तक कोरोना के मामले सामने आ सकते हैं. आईआईटी कानपुर ने इस बारे में आंकड़े जारी किये हैं.
इस रिपोर्ट में तीन महत्वपूर्ण बातें निकल कर सामने आई हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 15 जुलाई तक पूरा देश अनलॉक हो जाएगा. यह ठीक वैसे ही स्थिति होगी जैसी कि इस साल जनवरी में थी. जनवरी में सभी कुछ अनलॉक हो गया था, लेकिन यदि इस बार अनलॉक होने पर अगर हम सावधानी नहीं बरतते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करते हैं और मास्क नहीं लगाते हैं तो कोरोना की तीसरी लहर का पीक अक्टूबर तक आ सकता है. यही नहीं जानकार भी इस बात को मान रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर से स्थितियां खराब होना एक बार फिर शुरू हो जाएंगी और अक्टूबर तक इसकी भयावहता काफी होगी. दूसरी बात ये है कि अगर कोरोना तीसरी लहर में बदले म्यूटेंट के साथ आता है और लोग सावधानी भी नहीं बरतते तो इसका पीक सितंबर तक आ जाएगा. यानी कि अगस्त से स्थितियां खराब होनी शुरू हो जाएंगी. तीसरा चरण है कि अगर लोग सावधानी बरतते हैं, मास्क लगाने के साथ वैक्सीन लगवा लेते हैं तो ऐसी स्थिति में तीसरी लहर का पीक नवंबर तक आएगा.
आईआईटी कानपुर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी साफ किया है कि उनके इस अनुमान में टीकाकरण शामिल नहीं है. टीका ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ता है और पीक को घटाता है. ऐसे में टीकाकरण के साथ तीसरी लहर के संशोधित मॉडल पर शोधकर्ता काम कर रहे हैं और जल्द उसे भी जारी करेंगे.