केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना मुख्यालय के पुनर्गठन के कई प्रस्तावों को बुधवार को मंजूरी दे दी.
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नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना मुख्यालय के पुनर्गठन के कई प्रस्तावों को बुधवार को मंजूरी दे दी. यह मंज़ूरी सेना मुख्यालय द्वारा करवाए गए विस्तृत आंतरिक अध्ययन के आधार पर दी गई है. इस मंज़ूरी के बाद थलसेना प्रमुख के अंतर्गत एक स्वतंत्र सतर्कता प्रकोष्ठ को शुरू कर दिया जाएगा. ADG (सतर्कता) को सीधे सेनाप्रमुख के मातहत रखा जाएगा. इसमें कर्नल स्तर के तीन अधिकारी (थलसेना, वायुसेना तथा नौसेना से एक-एक) होंगे.
फिलहाल चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के तहत एक अलग विजिलेंस सेल काम कर रही है. विभिन्न एजेंसियों के जरिये विजिलेंस सेल चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के काम करता है और इसमें कहीं हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं होती है. वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के तहत गठित संगठन मानवाधिकार के मुद्दों को देखेगा.
Following the approval by Defence Minister,an independent vigilance cell will be made functional under Chief of Army Staff(COAS). Accordingly,ADG(Vigilance) will be placed directly under COAS for this purpose. It'll have 3 Colonel-level officers(one each from Army,Air Force&Navy) https://t.co/4HAoL2kMOV
— ANI (@ANI) August 21, 2019
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बयान के अनुसार मानवाधिकार सम्मेलन और मानवाधिकार मूल्यों के पालन को उच्च प्राथमिकता देने के लिए, ADCO (मेजर जनरल रैंक के अधिकारी) की अध्यक्षता में सीधे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के नेतृत्व में एक विशेष मानवाधिकार अनुभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. रक्षा मंत्रालय का यह विभाग मानवाधिकार के मामलों को प्रमुखता से देखेगा. साथ ही पारदर्शिता और विभाग में सबसे अच्छे जांच विशेषज्ञ के लिए एसएसपी/एसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर रखा जाएगा.