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चेन्नई: पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) में 2 हफ्ते पहले हुए तालिबानी (Talibani) कब्जे और वहां के हालातों को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा है कि भारत को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. सिंह ने शनिवार को कहा कि वर्तमान समय में जो 'अनिश्चितताएं और उथल-पुथल' हैं, उन्हें देखते हुए भारत (India) को हमेशा चौकन्ना रहना चाहिए और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. दुनिया में हो रहे बदलावों से भारतीय अछूते नहीं रह सकते हैं.
देश में बने तटरक्षक पोत को देश को समर्पित करने के बाद रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर की भी चुनौतियों का जिक्र किया. इस क्षेत्र में भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ रही है. रक्षा मंत्री ने कहा, 'दुनिया में हो रहे बदलाव हमारे लिए अक्सर चिंता की वजह बन जाते हैं. एक देश के रूप में हमें दुनिया के इन अनिश्चित एवं उथल-पुथल वाले माहौल से निपटने के लिए हमेशा तैयारियां पूरी रखनी चाहिए.'
उनका यह बयान अफगानिस्तान में आतंकवाद के बढ़ने की संभावना और फिर पाकिस्तान के रास्ते उसके जम्मू-कश्मीर तक पहुंचने की बढ़ती चिंताओं के बीच आया है.
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सिंह ने कहा, 'आज दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है. देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों में तेजी से बदलाव आ रहे हैं. दूसरे देश से कब कौनसी खबर आ जाए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. हमारा देश भी इन बदलावों से अछूता नहीं रह सकता. बल्कि यह हम जैसे देशों पर यह ज्यादा असर करता है क्योंकि हमारे हित हिंद महसागार से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं.'
हिंद महासागर में चीन की सेना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है. सिंह ने कहा कि दुनिया के दो तिहाई से ज्यादा तेल का परिवहन हिंद महासागर क्षेत्र में होता है. यह बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण क्षेत्र है. जैसा कि मैंने कहा कि आज की बदलती दुनिया का असर इस क्षेत्र में भी निश्चित तौर पर होगा. लिहाजा हमें हर वक्त सतर्क रहना होगा.'
सिंह ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा कारणों, सीमा विवादों और समुद्री सीमा पर दबाव के चलते दुनिया के देश अपनी सैन्य शक्ति का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और उसे मजबूत कर रहे हैं. सैन्य उपकरणों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक या दो सालों में दुनिया भर में सुरक्षा पर होने वाला खर्च 2.1 हजार अरब डॉलर तक बढ़ जाएगा और अगले 5 सालों में इससे कई गुना बढ़ सकता है.
रक्षा मंत्री ने कहा, 'इस स्थिति में हमें अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने, नीतियों का लाभ उठाने और देश को स्वदेशी पोत निर्माण का केंद्र बनाने का लाभ उठाना चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय तटरक्षक बल ने तटीय सुरक्षा के साथ ही समु्द्री संकट एवं आपदा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.