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नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्कूलों में सीबीएसई की पढ़ाई करवाई जाती है. लेकिन आगे से अब ऐसा नहीं होगा. दिल्ली के स्कूलों में दिल्ली सरकार के नए एजुकेशन बोर्ड के तहत पढ़ाई करवाई जाएगी. दिल्ली कैबिनेट ने शनिवार को नया एजुकेशन बोर्ड को बनाने की मंजूरी दे दी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट (Delhi Cabinet) ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Delhi Board of School Education) को बनाने को मंजूरी दे दी है. दिल्ली सरकार का अब अलग से अपना शिक्षा बोर्ड होगा. सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद इसकी जानकारी देगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली में एक अलग शिक्षा बोर्ड (Delhi Board of School Education) बनाया जाएगा. पिछले 6 साल में दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं. हमने दिल्ली सरकार के बजट का 25 फीसदी शिक्षा व्यवस्था में लगा दिया. हमने टीचर्स और बच्चों को विदेश भी भेजा. हमने उनको खर्च करने की ज्यादा क्षमता दी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 98 प्रतिशत तक आने लगे हैं. सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल से बेहतर हैं. अगला स्टेप लेने का वक्त आ गया है. दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन बनाने के तीन मुख्य लक्ष्य हैं.
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1. देशभक्त बच्चों को तैयार करना.
2. बच्चों को अच्छा इंसान बनाना.
3. शिक्षा प्रणाली ऐसी हो, जिसमें स्कूल से निकलने के बाद बच्चों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Delhi Board of School Education) को इंटरनेशनल स्तर का बोर्ड बनाया जा रहा है. बच्चों को पढ़ाने और समझाने के लिए उच्चस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
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उन्होंने आगे कहा कि इस एकेडमिक ईयर में 20 से 25 सरकारी स्कूलों को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Delhi Board of School Education) में शामिल किया जाएगा. इन स्कूलों को सीबीएसई (CBSE) से हटाकर दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में शामिल किया जाएगा.
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