Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन की एक और रात, रविवार को निर्धारित होगी रणनीति
Advertisement
trendingNow1795452

Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन की एक और रात, रविवार को निर्धारित होगी रणनीति

किसान लंबे समय तक जमे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं, उनके वाहनों में राशन, बर्तन, कंबल लदे हुए हैं और उन्होंने फोन चार्ज करने के लिए चार्जर भी साथ रखा हुआ है. 

Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन की एक और रात, रविवार को निर्धारित होगी रणनीति

नई दिल्ली: कृषि कानून (Agricultural Law) के विरोध में दिल्ली (Delhi) कूच के लिए आमदा हजारों किसान खुले आसमान के नीचे एक और रात बिताने के लिए तैयार हैं. 'दिल्ली चलो अभियान' के तहत पिछले दो दिन से हरियाणा-पंजाब के किसान दिल्ली जाने के लिए निकले हुए हैं, जिससे नेशनल हाईवे 44 पूरी तरह से जाम है. किसानों का कहना है कि वे रविवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक का इंतजार करेंगे, जिसमें आगे की रूपरेखा तय होगी. तब तक सभी सिंघू पर ही रहेंगे.

वहीं पंजाब से राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने के मुख्य बिंदु सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी बढ़ गई है. धड़े के नेताओं ने दावा किया कि एक लाख से अधिक किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, बसों और अन्य वाहनों में राष्ट्रीय राजधानी की तरफ मार्च कर रहे हैं. टिकरी बॉर्डर पर शुक्रवार की शाम से ही धरना दे रहे सुखविंदर सिंह ने कहा, 'हम यहां प्रदर्शन करना जारी रखेंगे. हम यहां से नहीं हटेंगे. हरियाणा के कई अन्य किसान भी हमारे साथ आने वाले हैं. वे रास्ते में हैं.'

राशन, बर्तन, कंबल लेकर पूरी तैयारी करके आए किसान
किसान लंबे समय तक जमे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं, उनके वाहनों में राशन, बर्तन, कंबल लदे हुए हैं और उन्होंने फोन चार्ज करने के लिए चार्जर भी साथ रखा हुआ है. स्पष्ट रूपरेखा नहीं होने के बावजूद पंजाब के 30 संगठनों सहित कई समूहों के किसानों का संकल्प स्पष्ट है और उनमें से कुछ का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता है तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे और कुछ किसानों का कहना है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि उनकी आवाज सुनी जाए. ये मुख्यत: पंजाब और हरियाणा के किसान हैं लेकिन मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के किसान भी यहां आए हुए हैं.

ये भी पढ़ें:- Farmers Protest: 5 Points में समझिए, कृषि कानूनों के खिलाफ क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?

गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए UP के किसान
उत्तर प्रदेश के कुछ किसान गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं और वे भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तैयार हैं. उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलपहाड़ में 500 से अधिक किसान धरने पर बैठे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. हालांकि कई समूहों ने बुराड़ी जाने से इंकार कर दिया है लेकिन सैकड़ों किसान वहां पहुंचे हैं. सरकार ने उन्हें बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति दी है. लेकिन संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी रेंज) सुरेंद्र सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा कि करीब 600 से 700 किसान बुराड़ी पहुंचे हैं.

अमित शाह की अपील
नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों से केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'पंजाब की सीमा से लेकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर रोड पर अलग-अलग किसान यूनियन की अपील के बाद आज जो किसान भाई अपना आंदोलन कर रहे हैं, उन सभी से मैं कहना चाहता हूं कि भारत सरकार आप से चर्चा के लिए तैयार है. हम आपकी सभी समस्‍याओं और मांगों को सुनेंगे और उन पर विचार करेंगे.' शाह ने आगे कहा कि भारत सरकार आपकी हर समस्या और हर मांग पर विचार विमर्श करने के लिए तैयार है. अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है.

fallback

शाह की अपील पर भाकियू अध्यक्ष ने दिया ये बयान
नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली कूच पर आमदा किसानों से आज गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत की अपील की है. इस पर भारतीय किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा कि अमित शाह ने सशर्त जल्दी मिलने की बात कही है जोकि अच्छा नहीं है. उन्हें बिना शर्त खुले दिल से बातचीत की पेशकश करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हम कल बैठक करेंगे और उसके बाद अपनी प्रतिक्रिया तय करेंगे.

ये भी पढ़ें:- Farmer Protest: मुरथल के प्रसिद्ध ढाबे ने किसानों के लिए खोले अपने द्वार, मुफ्त में खिला रहे खाना

हरियाणा पंजाब सरकार के बीच 'ठनी'
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे इस किसान आंदोलन में हरियाणा और पंजाब सरकार के बीच ठन गई है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) लगातार आरोप लगा रहे हैं कि ये किसान आंदोलन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) द्वारा प्रायोजित है और इसमें हरियाणा के किसान भाग नहीं ले रहे हैं. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस आरोप से पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि किसानों को अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाने से नहीं रोका जाना चाहिये था, लेकिन हरियाणा सरकार ने ऐसा कर दिखाया.

हरियाणा-पंजाब CM के बीच 'Twitter War'
हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर और पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर द्वारा एक दूसरे को निशाने पर लेने के बीच शनिवार को नया घटनाक्रम सामने आया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार दोपहर को गुरुग्राम में कहा, 'मैंने किसानों के मुद्दे पर अमरिंदर सिंह से छह-सात बार बात करने की कोशिश की, लेकिन वह लाइन पर नहीं आए.' इसके जवाब में शाम को कैप्टन ने कहा कि मनोहर लाल झूठ बोल रहे हैं और अब वह दस बार बात करना चाहे तो भी नहीं करेंगे. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कॉल डिटेल्स को वायरल कर दिया है.'

fallback

ये भी पढ़ें:- मुस्लिम आबादी होने के बावजूद इस देश में नहीं है कोई 'मस्जिद'

कांग्रेस ने आंदोलन भड़काने के लिए दिए विवादित बयान
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दावा किया कि जो कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगा उसे ‘आतंकवादी माना जाएगा’. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक तस्वीर का जिक्र किया जिसमें एक सैनिक एक बुजुर्ग सिख पर डंडा उठाए हुए है और उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह काफी दुख पहुंचाने वाला फोटो है. हमारा नारा था ‘जय जवान, जय किसान’ लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार की वजह से एक सैनिक किसानों के खिलाफ खड़ा है. यह काफी खतरनाक है.’

क्या है पूरा मामला?
नए कृषि बिल के विरोध में 26 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के लाखों किसान ट्रैक्‍टर-ट्रेलर, मोटर गाड़ी, कारों आदि से राजधानी दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. इसके चलते दिल्‍ली, एनसीआर से लगी कई सीमाएं बंद हैं. ये किसान दिल्‍ली में रामलीली मैदान या जंतर-मंतर पर जाकर धरने पर बैठना चाहते हैं. कड़ाके की ठंड में ये किसान खुले आसमान की नीचे रातें बिता रहे हैं. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच कुछ झड़पें भी हुईं हैं. 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत शुक्रवार को जहां किसानों और पुलिस के बीच जोरदार संघर्ष हुआ, जिसमें पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे गए. वहीं किसानों ने अवरोधकों को तोड़ डाला और पथराव किया, वहीं शनिवार को शांति बनी रही. लेकिन महानगर के बाहर हजारों की संख्या में किसानों के जमे होने के कारण तनाव बना रहा.

LIVE TV

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news