AAP के दावे की खुली 'पोल', जानें मुफ्त बिजली के नाम पर दिल्‍ली वालों को कैसे मिला धोखा!
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AAP के दावे की खुली 'पोल', जानें मुफ्त बिजली के नाम पर दिल्‍ली वालों को कैसे मिला धोखा!

आम आदमी पार्टी का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में उसके द्वारा दी जाने वाली सुविधा का सीधा लाभ दिल्‍ली वासियों को मिला है. लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहते हैं...

AAP के दावे की खुली 'पोल', जानें मुफ्त बिजली के नाम पर दिल्‍ली वालों को कैसे मिला धोखा!

नई दिल्‍ली: दिल्‍ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) के मद्देनजर सत्‍ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे ज्‍यादा फ्री बिजली और पानी के मुद्दे पर जोर दे रही है. पार्टी का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में उसके द्वारा दी जाने वाली 200 यूनिट तक की फ्री बिजली की सुविधा का सीधा लाभ दिल्‍ली वासियों को मिला है. लेकिन क्‍या ये वाकई सच है? AAP के वादे की ZEE NEWS ने पड़ताल की है. ऐसे में दिल्‍ली वालों की जुबानी जानिए, AAP के दावों की असली कहानी:

स्‍टोरी नंबर-1
दिल्‍ली के लव मलिक रोहिणी सेक्टर 11 में रहते हैं. जब घर पर जून 2019 का बिल आया तो सोच में पड़ गए. बिल में अंकित आंकड़ों के हिसाब से महीने की कुल खपत 3 यूनिट थी और बिजली का बिल आया था 2150 रुपये. वह इस अनियमितता को लेकर तब से लेकर आज तक बिजली विभाग के दफ्तर में कई बार दौड़ लगा चुके हैं. पूछ चुके हैं कि भईया तीन यूनिट के इतने पैसे कैसे ले रहे हो लेकिन इनको अपने सवाल का जवाब अब तक नहीं मिला..

स्‍टोरी नंबर-2
दूसरा केस ज्‍वाला नगर के यशपाल शर्मा का है. सीनियर सीटिजन हैं. इनके बिल में भी लंबा झोल है. इनकी एक दुकान है जिसे ये कभी-कभी खोलते हैं. इसका बिजली का बिल आया था महज 24 यूनिट लेकिन इनको बिल के रूप में जमा करना पड़ा 1360 रुपये.

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दावे और पड़ताल
दरअसल ऐसे कई लोगों से मिलने के बाद ZEE NEWS ने दिल्ली में 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने के दावे की पड़ताल शुरू की, तो कई ऐसे तथ्य, कई ऐसे दस्तावेज मिले जिनके हिसाब से कहानी कुछ और ही निकल कर सामने आई…

इन दस्तावेजों के हिसाब से जो बात समझ में आई वो ये है कि पिछले पांच सालों में दिल्ली के लोगों ने अपने बिजली बिलों के अलग अलग कम्पोनेन्ट्स जैसे कि फिक्स चार्जेज, बिजली टैरिफ, पीपीएसी यानी पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेन्ट जैसी चीजों को ध्यान से शायद पढ़ा या देखा नहीं…

इस सिलसिले में एक आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल का जवाब 15 मई 2019 को दिल्ली सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पावर ने भेजा है. इसमें सरकार ने खुद ये बताया कि पिछले 5 सालों में यानी साल 2014 से 2019 के बीच दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली तीनों निजी कंपनियों बीआरपीएल, बीवाईपीएल और टीपीडीडीएल को सरकार की तरफ से कितनी सब्सिडी दी गई…

आंकड़ों की जुबानी...
- 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014 के बीच बीआरपीएल को 287 करोड़, बीवाईपीएल को 167 करोड़ और टीपीडीडीएल को करीब 166 करोड़ 93 लाख रुपये सब्सिडी के तौर पर दिए गए. यानी इस साल इन तीनों कंपनियों को करीब 621 करोड़ रुपये मिले.

- इसी तरह साल 2014-15 के बीच इन तीनों कंपनियों को दिल्ली सरकार ने करीब 301 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी.

- साल 2015-16 में इनको दी जाने वाली सब्सिडी का आंकड़ा था करीब 1427 करोड़ रुपये. साल 2016-17 में तो ये आंकड़ा पहुंच गया करीब 1277 करोड़ रुपये.

- 2017-18 में तीनों कंपनियों को सरकार से सब्सिडी मिली- 1276 करोड़ रुपये...

- इसी तरह दिल्ली के मौजूदा चुनाव से ठीक पहले वाले वित्त वर्ष यानी 2018-19 में इन कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी का आंकड़ा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया. ये आंकड़ा था 1691 करोड़ रुपये. तो भई 5 सालों में दी गई सब्सिडी का कुल आंकड़ा पहुंचता है करीब 6595 करोड़ रुपये.

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बड़ा सवाल
इससे बड़ा सवाल ये उठता है कि सरकार ने ये 6595 करोड़ रुपये कहां से दिए? दरअसल ये रुपये दिल्ली के लोगों से ही वसूले गए. अब ये भी जान लीजिए कि ये वसूले कैसे गए?...तो ये वसूले गए फिक्‍स्‍ड चार्जेज के नाम पर...टैरिफ के नाम पर...पीपीएसी के नाम पर…और हां पेंशन ट्रस्ट चार्ज के नाम पर भी…पेंशन ट्रस्ट चार्ज का इस्तेमाल बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए बनाए गए फंड में होता है.

हालांकि फ्री बिजली को लेकर दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी तरफ से ये साफ कहा है कि दिल्ली वालों को फ्री बिजली देने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है.

साल 2018 की एक ऑडिट रिपोर्ट में एक बात सामने आई जिसमें साफ लिखा था कि बिजली विभाग के कुछ रिकॉर्ड्स की छानबीन के दौरान ये पाया गया कि डीईआरसी यानी Delhi Electricity Regulatory commission ने DISCOM को बिजली की सब्सिडी वाली रकम जिन खातों में दी गई…उन ट्रूड अप अकाउंट्स यानी खातों की जानकारी कहीं भी नहीं दी गई है.

ZEE NEWS की इस पूरी पड़ताल के बाद दिल्ली में रहने वाले लोग ये समझ जाएंगे कि आपके साथ फ्री बिजली के नाम पर कैसे धोखा हो रहा है.

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