शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रकाश जरवाल को जमानत दे दी है. बता दें कि इससे पहले भी प्रकाश जरवाल ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन उस वक्त कोर्ट ने उसे ठुकरा दिया था.
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नई दिल्ली : दिल्ली के सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को हाईकोर्ट ने राहत मिली है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रकाश जारवाल को जमानत दे दी है. हाई कोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कड़ी शर्तों और 50 हज़ार के निजी मूचलके पर जमानत दे दी है. इसके अलावा हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब जब भी चुनी हुई सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच मीटिंग होगी उसका वीडियोग्राफी होगा. बता दें कि इससे पहले भी प्रकाश जारवाल ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन उस वक्त कोर्ट ने उसे ठुकरा दिया था.
27 फरवरी को नहीं मिली थी प्रकाश को जमानत
महानगर की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रकाश जारवाल को 27 फरवरी को जमानत देने से इंकार कर दिया था. सत्र अदालत ने साथ ही कहा था कि वह इस बात की अनदेखी नहीं कर सकती कि विधायक ने 'अपने कर्तव्य के ईमानदारी से निर्वहन कर रहे’’ 56 साल के एक सरकारी नौकर की ‘‘मर्यादा को सरेआम चोट पहुंचाई.'
Delhi Chief Secretary Anshu Prakash alleged assault case: AAP MLA Prakash Jarwal has been granted bail by High Court
— ANI (@ANI) March 9, 2018
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई मारपीट के मामले में दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा था कि सभी अधिकारी मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और अन्य कर्मचारियों की मर्यादा और सुरक्षा की लड़ाई में एकजुट हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष दयानंद सिंह और कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के 2 मार्च होली पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने के बाद यह बयान सामने आया था.
22 मार्च तक दोनों विधायकों को जेल भेजा गया था
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शेफाली बरनाला टंडन ने विधायकों की न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ाते हुए उन्हें मंडोली जेल भेज दिया था. न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर गुरुवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया था. खान और जारवाल को अदालत ने 22 फरवरी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने इस मामले को बेहद संवेदनशील करार दिया था. अगले ही दिन उनकी जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी गई थीं.