केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा के लिए आज दिल्ली के एलजी अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक करेंगे.
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नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. दिल्ली में शनिवार को भी लगातार दूसरे दिन दो हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए. अब राज्य में संक्रमितों की संख्या 39 हजार के करीब पहुंच गई है. इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा के लिए आज दिल्ली के एलजी अनिल बैजल (Anil Baijal) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ बैठक करेंगे. इसके अलावा, वह अलग से दिल्ली के तीनों नगर निगमों और निगम आयुक्तों के साथ भी एक बैठक करेंगे. केजरीवाल 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी बैठक करेंगे.
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार को 2,134 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या 38,958 हो गई जबकि मौत के 57 नए मामलों के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,271 हो गया. यह दूसरा दिन है जब एक ही रोज में संक्रमण के मामले दो हजार से अधिक पाए गए हैं. इससे पहले, शुक्रवार को 2,137 मामले सामने आए थे. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लिहाज से महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में दिल्ली तीसरे स्थान पर है.
शाह के ऑफिस की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया, "गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के संदर्भ में स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और एसडीएमए के सदस्यों के साथ कल, 14 जून को सुबह 11 बजे बैठक करेंगे. एम्स के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे." इसके कुछ घंटों बाद गृहमंत्री के कार्यालय की तरफ से घोषणा की गई कि रविवार को ही दिल्ली के तीनों नगर निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी – के महापौरों और शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग से बैठक की जाएगी.
Union Home Minister, Shri @AmitShah along with Union Health Minister @drharshvardhan will hold a meeting with mayors of municipal corporations of Delhi tomorrow, 14th June at 5 pm to review preparations with regard to COVID-19.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 13, 2020
दिल्ली में अस्पतालों की स्थिति बेहद 'भयावह'
राजधानी में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के तरीकों और अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता नहीं होने व लैब में जांच में आ रही मुश्किलों को लेकर अलग-अलग वर्गों द्वारा आलोचना हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली में अस्पतालों की स्थिति बेहद 'भयावह' है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं. कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.
छह सदस्यीय एक समिति का गठन
उपराज्यपाल बैजल ने भी कोविड-19 प्रबंधन योजना और राजधानी में चिकित्सा ढांचे को और मजबूत बनाने पर सुझाव देने के लिए छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया है. बैजल ने हाल में दिल्ली सरकार के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें कहा गया कि अस्पताल के बिस्तर और जांच सिर्फ दिल्ली वालों के लिये हैं और जांच भी उन मरीजों की होगी जिनमें लक्षण नजर आएंगे.
बैजल की परामर्श समिति में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स और कमल किशोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया, डीजीएचएस के अतिरिक्त डीडीजी डा. रवींद्रन और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक सुरजीत कुमार सिंह शामिल हैं.
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अस्थायी अस्पताल तैयार करने की योजना
अरविंद केजरीवाल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों में मद्देनजर दक्षिणी दिल्ली में विशाल तंबू में कोरोना वायरस रोगियों के लिए 10 हजार बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल तैयार करने की योजना बना रही है. यह प्रस्तावित अस्पताल आध्यात्मिक संगठन स्वामी सत्संग व्यास के दक्षिणी दिल्ली स्थित परिसर में स्थापित किया जाएगा.
राधा स्वामी सत्संग, भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा कि संगठन का हरा-भरा परिसर दिल्ली-हरियाणा सीमा के नजदीक स्थित है. कोविड-19 अस्पताल की लंबाई 1700 फुट जबकि चौड़ाई 700 फुट होगी. उन्होंने कहा कि यह इस तरह का दिल्ली का सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल होगा. जून के अंत तक इसका काम पूरा होने की उम्मीद है.
फिलहाल दिल्ली में 9,647 कोविड-19 बेड
दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार जुलाई के अंत तक दिल्ली में कोविड-19 रोगियों की संख्या पांच लाख से अधिक हो सकती है. कोविड-19 रोगियों के लिये लगभग एक लाख बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी. फिलहाल दिल्ली में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और निजी अस्पातलों में कोविड-19 के लिए समर्पित कुल 9,647 बिस्तरों की व्यवस्था है. इनमें से 5,402 पर रोगी भर्ती हैं.
इसके अलावा दिल्ली सरकार ऐसे समुदाय भवनों और स्टेडियमों की भी पहचान शुरू कर दी है, जिन्हें अस्थायी कोविड-19 अस्पताल बनाया जा सकता है. उधर, राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की जांच में कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिंता जताने के एक दिन बाद शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी आईसीएमआर पर डालते हुए कहा कि जांच में बढ़ोतरी करने के लिए उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव होना चाहिए.
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