दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले दिये गये हलफनामे में गलत सूचना देने के आरोपों से बरी कर दिया है.
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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले दिये गये हलफनामे में गलत सूचना देने के आरोपों से बरी कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने यह कहते हुए केजरीवाल को इस मामले में बरी कर दिया कि केवल इस तथ्य को कि कोई व्यक्ति जहां मतदाता के रुप में पंजीकृत है, उसके बजाय उसका अन्य निवास पता है, यह मानने का आधार नहीं हो सकता कि वह उस जगह का निवासी नहीं है जहां वह मतदाता के रुप में पंजीकृत है.
एक शिकायत में आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने 2013 के दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए 16 नवंबर, 2013 को चुनाव आयोग के सामने अपने नामांकन पत्र के साथ गलत हलफनामा पेश किया था.
आप की पंजाब इकाई परिवार का मामला, सुलझा लिया जाएगा : केजरीवाल
वहीं आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की पंजाब इकाई में अंतर्कलह को आज कमतर करने का प्रयास किया और इसे पारिवारिक मामला बताया. केजरीवाल ने रोहतक में संवाददाताओं से कहा,‘एक परिवार के सदस्यों में भी झगड़े होते हैं. इसे सुलझा लिया जाएगा.’ उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा और कहा,‘उन्हें नहीं पता कि काम कैसे करना है.’
आप की पंजाब इकाई में उस समय संकट उत्पन्न हो गया जब पार्टी विधायक सुखपाल सिंह खैरा को हाल में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटा दिया गया. खैरा और सात और अन्य विधायकों ने आप की पंजाब इकाई को ‘‘स्वायत्त’’ घोषित कर दिया है और वर्तमान संगठनात्मक ढांचे को ‘‘भंग’’ कर दिया था.
(इनपुट - भाषा)