बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि आजाद भारत के इतिहास में यह सबसे काला दिन था.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुई वकीलों और पुलिसकर्मियों की झड़प का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को वकीलों के समर्थन में उतरी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मांग की है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार किया जाए. हम इन लोगों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शांतिपूर्ण 'धरना' का सहारा लेंगे.
बीसीआई ने एक बयान जारी करके कहा कि मंगलवार को हमने दिल्ली पुलिस की अनियंत्रित भीड़, विरोध प्रदर्शनों और गंदी गालियों पर मीडिया रिपोर्टों को देखा है. आजाद भारत के इतिहास में यह सबसे काला दिन था. निश्चित रूप से यह एक राजनीतिक रूप से प्रबंधित कदम की तरह लग रहा था जो कि बहुत दुखद है.
Bar Council of India: Our demand is to arrest the guilty police officials within a period of 1 week, failing which we shall resort to peaceful 'dharnas' for the arrest of these people and for proper disciplinary action against them. The Bar stands united. https://t.co/cW5swALxHd
— ANI (@ANI) November 6, 2019
बीसीआई की मांगें-
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में पार्किंग को लेकर एक वकील और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच मामूली बहस हो गई, जिससे बाद इसने हिंसा का रूप ले लिया. इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई.
पुलिस का प्रदर्शन
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मियों ने तीस हजारी अदालत में वकीलों द्वारा उनके सहयोगियों पर हमले के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस कर्मी 'हम न्याय चाहते हैं (वी वॉन्ट जस्टिस)' के नारे लगाते हुए नजर आए. उन्हें शांत करने के लिए पहुंचे पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया.