दिल्लीः एफएसएल में जून में काम करना शुरू कर देगी ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग प्रणाली
Advertisement
trendingNow1531276

दिल्लीः एफएसएल में जून में काम करना शुरू कर देगी ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग प्रणाली

ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग मशीन इस साल जून में काम करने लगेगी. ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग एक प्रकार की, झूठ पकड़ने की तकनीक है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति के मस्तिष्क की तरंगों को मापकर पता लगाया जाता है कि वह शख्स उससे पूछे गये सवालों का सही जवाब दे रहा है या नहीं.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि यहां रोहिणी स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग मशीन इस साल जून में काम करने लगेगी. ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग एक प्रकार की, झूठ पकड़ने की तकनीक है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति के मस्तिष्क की तरंगों को मापकर पता लगाया जाता है कि वह शख्स उससे पूछे गये सवालों का सही जवाब दे रहा है या नहीं.

उच्च न्यायालय ने मार्च में रोहिणी स्थित एफएसएल में यह प्रणाली लगाने का निर्देश दिया था. चार साल के एक बच्चे के लापता होने से संबंधित याचिका पर सुनवाई में यह निर्देश दिया गया. अदालत को सूचित किया गया था कि प्रयोगशाला में नार्को परीक्षण के लिए कोई सुविधा नहीं थी. अदालत को 20 मई को सूचित किया गया कि मशीन लगा दी गयी है और यह 31 मई के बाद काम करने लगेगी.

गौतम गंभीर ने अरविंद केजरीवाल से कहा, 'चुनाव आते-जाते रहेंगे लेकिन स्वविवेक नहीं खोना चाहिए' 

तब तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा. अदालत ने बच्चे के लापता होने के मामले में मुख्य संदिग्ध करीब 11 साल के बच्चे की मां और बहन से पूछताछ के लिए इस प्रणाली के लिए कहा था. आरोपी बालक को सीसीटीवी फुटेज में लापता बच्चे के साथ आखिरी बार देखा गया था. (इनपुटः भाषा)

Trending news