राष्ट्रीय राजधानी से नहीं हटाया जाए रेहड़ी पटरी वालों को :उच्च न्यायालय
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राष्ट्रीय राजधानी से नहीं हटाया जाए रेहड़ी पटरी वालों को :उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि स्थानीय निकायों के चल रहे अभियान में वाजिब कानूनी प्रक्रिया के बगैर इस शहर की सड़कों से रेहड़ी पटरी वालों को हटाना या प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी से नहीं हटाया जाए रेहड़ी पटरी वालों को :उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि स्थानीय निकायों के चल रहे अभियान में वाजिब कानूनी प्रक्रिया के बगैर इस शहर की सड़कों से रेहड़ी पटरी वालों को हटाना या प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की सदस्यता वाली एक पीठ ने दिल्ली सरकार के उप राज्यपाल, दिल्ली पुलिस आयुक्त, नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद और यहां के स्थानीय निकायों जवाब मांगा है। दरअसल, एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि संबद्ध अधिकारी रेहड़ी पटरी वालों के खिलाफ गैर कानूनी एवं मनमाना कार्रवाई कर रहे हैं।

अदालत ने कहा कि प्राधिकारों द्वारा शहर में किसी भी रेहड़ी पटरी वाले को हटाया, परेशान या प्रताड़िता नहीं किया जाना चाहिए।बहरहाल, अदालत ने मामले की सुनवाई 28 सितंबर के लिए स्थगित कर दी।

अदालत कांग्रेस नेता अजय माकन की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने प्राधिकारों को रेहड़ी पटरी वालों की आजीविका संरक्षण एवं नियमन अधिनियम के तहत एक निर्देश देने की मांग की थी।

माकन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश खन्ना और अधिवक्ता अमन पंवार ने अदालत से अनुरोध किया कि ‘टाउन वेंडिंग कमेटी’ के गठन तक इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिनियम के स्पष्ट प्रावधानों और इस अदालत के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद प्राधिकारों ने 17 अगस्त को 500 से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को अवैध रूप से हटाने की कोशिश की।

 

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