पाकिस्तानी महिला एक भारतीय शख्स से शादी करने के बाद 2005 में भारत आई थी. वह अपने पति और दो नाबालिग बेटों - 11 वर्ष और 5 वर्ष - के साथ दिल्ली में रह रही है.
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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट उस पाकिस्तानी महिला के बचाव में आया है जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 23 फरवरी तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह अगले हफ्ते तक महिला के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे.
37 वर्षीय पाकिस्तानी महिला एक भारतीय शख्स से शादी करने के बाद 2005 में भारत आई थी. वह अपने पति और दो नाबालिग बेटों - 11 वर्ष और 5 वर्ष - के साथ दिल्ली में रह रही है. बीते आठ फरवरी को महिला को मंत्रालय से भारत छोड़ने का नोटिस मिला. उसमें उसे निर्देश दिया गया कि वह 15 दिनों के भीतर देश छोड़ दे.
नोटिस में कहा गया कि यदि वह तय समय के अंदर भारत छोड़कर नहीं गई तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में उन्हें भारत आने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
महिला एवं उसके पति ने उच्च न्यायालय का रुख कर केंद्र को सात फरवरी को जारी किया गया नोटिस रद्द करने का निर्देश देने की मांग की. न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 फरवरी तक महिला के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएं. वकील अनुराग आहलूवालिया ने केंद्र की पैरवी की.
महिला ने अपनी अर्जी में कहा कि उसे दीर्घकालिक अवधि का वीजा दिया गया था जो जून 2015 से जून 2020 तक वैध है. उसने कहा कि वह अपनी शादी के बाद से ही दिल्ली में रह रही है.