2030 तक देश में आधी पैसेंजर कारों को बिजली से चलने वाली बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही केंद्र सरकार के सामने फिलहाल बहुत चुनौतियां हैं.
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वरुण भसीन/ नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक कारों के भविष्य को देखते हुए राजधानी दिल्ली का पहला स्मार्ट इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन तैयार है. ये दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया पहला स्टेशन है. ये चार्जिंग स्टेशन एक्स पार्ट-2 में बनाया गया है. मंगलवार को बीएसईएस के ग्रिड में यानी सरकारी सिस्टम के पहले कमर्शियल स्टेशन का उद्घाटन किया. इस स्टेशन में 2 पैनल लगाए गए हैं. एक पैनल में दो गाड़ियां चार्ज की जा सकती हैं. यहां 1 बार चार्जिंग के लिए लोगों को 160-200 रुपये तक देने होंगे. कारवालों को 1.60 रुपये/किलोमीटर से 1.80 रुपये/किलोमीटर खर्च आएगा.
मोबाइल एप के जरिये चुन पाएंगे स्लॉट
चार्जिंग स्टेशन की जानकारी लोगो को फ़ोन से भी मिल पायेगी. स्टेशन का लोकेशन ढूंढने के लिए बीएसईएस ने "इलेक्ट्रिफाई'' नाम से एक मोबाइल एप भी तैयार किया है. इससे न केवल चार्जिंग स्टेशन का लोकेशन ढूंढा जा सकता है, बल्कि अगर कोई उस एरिया में आ रहा है, तो वह चार्जिंग के लिए पहले से ही अपना स्लॉट भी बुक करा सकता है और अपना समय बचा पायेगा. बता दें कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से भारत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है.
2030 तक देश में आधी पैसेंजर कारों को बिजली से चलने वाली बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही केंद्र सरकार के सामने फिलहाल बहुत चुनौतियां हैं. सरकार 2015 की पेरिस समझौते के तहत तेल आयात कम करने और प्रदूषण में कमी लाने का लक्ष्य हासिल करना चाहती है. दिल्ली में फिलहाल 2500 इलेक्ट्रिक वाहन है. लेकिन, चार्जिंग स्टेशन की संख्या 50 से भी कम है. हालांकि, दिल्ली में फिलहाल इलेक्ट्रिक कार इतनी कम हैं कि ये स्टेशन भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं. बिक्री की बात करें तो कुछ निजी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल तो शुरु किया है लेकिन, दिल्ली में अभी भी कुल ई-वाहनों की तादाद बेहद कम है.
Segment FY2019(march ) FY2018
e-2-wheelers 1,26,000 54,800
e-3-wheelers 6,30,000 NA
e-4-wheelers 3,600 1,200
TOTAL 7,59,000 56,000
sale chart - whole India
भविष्य सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का
फिलहाल लोगो में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उत्साह कम है. लेकिन ऑटो एक्सपर्ट मुराद अली बेग बताते हैं कि भविष्य को देखते हुए भी बड़ी ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन के उत्पादन पर ज़ोर दे रही है. उम्मीद है कि आने वाले पांच सालों में तकनीक सुधार के साथ बैटरी के दाम भी कम होंगे और सभी ई-वाहनों की तरफ भागेंगे. बता दें कि टैक्सी सेवा देने वाली ओला, उबर जैसी कंपनियों के लिए 2020 से सिर्फ ई-कार खरीदने का नियम लाने पर भी विचार चल रहा है.