रेलवे गार्डों का बक्सा भी हुआ माॅॅडर्न, किताबों की जगह टैबलेेेट में होंगे सारे नियम
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रेलवे गार्डों का बक्सा भी हुआ माॅॅडर्न, किताबों की जगह टैबलेेेट में होंगे सारे नियम

रेलगाड़ियों में गार्ड को अब भारी भरकम लोहे के बक्से ले कर नहीं चलना होगा. गार्ड के काम को आसान बनाने के लिए रेलवे उनके भारी भरकम लोहे के बक्सों को प्लास्टिक के हल्के, छोटे ब्रीफकेेेस में तबदील करने जा रहा है.

रविवार को हिमांचल एक्सप्रेस में अम्बाला मंडल के गार्ड पीएल मीना नए तरह के ब्रीफकेस के साथ

नई दिल्ली : रेलगाड़ियों में गार्ड को अब भारी भरकम लोहे के बक्से ले कर नहीं चलना होगा. गार्ड के काम को आसान बनाने के लिए रेलवे उनके भारी भरकम लोहे के बक्सों को हल्के प्लास्टिक के छोटे ब्रीफकेेेस में तबदील करने जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरूआत उत्तर रेलवे के अम्बाला मंडल में की गई है. रविवार को हिमांचल एक्सप्रेस में अम्बाला मंडल के गार्ड पीएल मीना, अम्बला - अंदौरा रेलवे स्टेशन के बीच इस हल्के बक्से को ले कर चले. 


  1. गार्डों के लोहे के बक्से प्लास्टिक ब्रीफकेस से बदलेंगे 
  2. नियमों की किताबों की जगह लेंगे टैबलेट 
  3. नए बदलावों से रेलवे को आर्थिक फायदा भी होगा 

क्या होता है गार्ड के बक्से में 
गार्ड के बक्से में ट्रेन को चलाने के नियमों की किताब, लाल और हरी झंडी , लाइटें, इमरजेंसी लाइट व रेलगाड़ियों के परिचालन से संबंधित कुछ सामान होता है. किसी भी गार्ड को ट्रेन में जाने के पहले इन सामानों के साथ बक्से को ट्रेन में चढ़ाना अनिवार्य होता है. सभी गार्डों को नौकरी ज्वाइन करते ही एक बक्सा दे दिया जाता है जिसे उन्हें ड्यूटी के दौरान हमेशा साथ रखना होता है. 

गार्ड की सुविधा के साथ बचेंगे रेलवे के पैसे 
फिलहाल गार्ड के पास जो बक्सा होता है वो लोहे का होता है और काफी भारी होता है. इस बक्से को ट्रेन में चढ़ाने के लिए रेलवे की ओर से कर्मचारी लगाए जाते हैं. नई व्यवस्था के तहत गार्ड का बक्सा प्लास्टिक के ब्रीफकेस में बदल दिया गया है. इसमें पहिए भी लगे हुए हैं. ऐसे में गार्ड को अपना अपना बक्सा ट्रेन में स्वयं ले कर जाना होगा. अब बक्से ट्रेन में चढ़ाने के लिए कर्मी नहीं लगाने होंगे. वहीं गार्ड को अपने बक्से में रेलवे की भारी भरकम रूल बुक व वर्किंग टाइम टेबल ले कर चलना अनिवर्य है. इसका काफी वजन होता है. इसको ध्यान में रखते हुए इस रूल बुक व वर्किंग टाइम टेबल को डिजिटल बना कर एक टैबलेट में लोड कर इन गार्डों को दिया जा रहा है. इससे इनके बक्से का वजन और कम हो जाएगा. 

 यात्रियों को भी होगी सुविधा
रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म पर यहां - वहां गार्ड का बक्सा पड़ा रहता है.भारी भरकम लोहे के बक्से यहां वहां पड़े रहने के चलते कई बार यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. नई व्यवस्था के तहत गार्ड अपना ब्रीफकेस अपने साथ ले जाएगा. ऐसे में यात्रियों को असुविधा नहीं होगी. 

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