गृहमंत्री शाह की दो टूक, 'कितना भी विरोध कर लो, शरणार्थियों को नागरिकता देकर रहेंगे'
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गृहमंत्री शाह की दो टूक, 'कितना भी विरोध कर लो, शरणार्थियों को नागरिकता देकर रहेंगे'

गृहमंत्री शाह ने स्पष्ट कहा, नागरिकता संशोधन एक्ट जरा भी वापस नहीं होगा, कोई संभावना नहीं.

नागरिकता संशोधन बिल में कहीं पर भी किसी की नागरिकता वापस लेने का प्रावधान नहीं है. (फोटो: ANI)

नई दिल्ली: नागरिकता (संशोधन) कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ हो रहे हिंसक विरोध के बावजूद गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दो टूक कह दिया है कि चाहे कितना भी राजनीतिक विरोध होता रहे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार सभी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देकर रहेगी.    

शाह ने कहा, ''शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी. वह भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ रहेंगे. मैं कहना चाहता हूं कि आपको जो राजनीतिक विरोध करना है वो करो, भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार इसके लिए दृढ़ संकल्पित है.''

गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन बिल में कहीं पर भी किसी की नागरिकाता वापस लेने का प्रावधान है ही नहीं, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर यहां पर आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी.

मैं इसका विश्वास दिलाता हूं
शाह ने कहा, ''जो इस देश का नागरिक है, उसे डरने की जरूरत नहीं है, इस देश के नागरिक एक भी मुसलमान के साथ अन्याय नहीं होगा, मैं इसका विश्वास दिलाता हूं.'' 

इसका विरोध न करें
अमित शाह ने कहा, ''मेरा सभी विरोध करने वालों को चैलेंज है कि आप देश की जनता के सामने कहिए कि आप पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के जो मुसलमान भारत आना चाहते हैं उसे भारत को स्वीकार कर लेना चाहिए. अगर नहीं कह सकते तो इसका विरोध न करें.''

किसी छात्र पर कार्रवाई नहीं की गई
एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि देश में 400 से ज्यादा विश्वविद्यालय है, उनमें से 5 में प्रोटेस्ट हो रहा है जिनमे जामिया मिलिया, JNU , लखनऊ  और AMU शामिल है. बाकी सब में अपप्रचार चल पड़ा कि बच्चों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, किसी छात्र पर कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर में धीरे धीरे शांति हो रही है, तीन दिन से वहां कोई हिंसा नहीं हुई है.

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