नासा ने जारी की तस्वीर, केजरीवाल बोले- पराली की वजह से दिल्ली की हवा हुई दूषित
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नासा ने जारी की तस्वीर, केजरीवाल बोले- पराली की वजह से दिल्ली की हवा हुई दूषित

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पराली जलनी बंद हो गयी और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ हो गयी.

.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पराली जलनी बंद हो गयी और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ हो गयी. कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5 फीसद ही फसलों का प्रदूषण है तो क्या केवल 5 प्रतिशत प्रदूषण कम होने से एयर क्वालिटी इंडैक्स 500 से ज़्यादा से 200 से कम हो गया? उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ़ नीयत से सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हल्फनामा देकर कहा था, प्रदूषण में पराली का योगदान पांच प्रतिशत
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान पांच प्रतिशत ही है. हालांकि,  दिल्ली में इस तरह को कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे यह साफ हो सके कि प्रदूषण में किस चीज का कितना योगदान है.

नासा की तस्वीरों से साफ है, पराली जलने से ही हुआ दिल्ली में प्रदूषण
उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली ने ही उत्तर भारत की हवा को प्रदूषित किया. नासा की तरफ से जारी तस्वीरों से इसकी पुष्टि होती है. जिसमें साफ है कि जिस तरह पराली जलने की घटनाएं बढ़ी, उसी लिहाज से उत्तर भारत की हवा भी प्रदूषित होती चली गई. नासा की तरफ से जारी ताजा तस्वीरों में पराली जलना कुछ कम हुआ है. इसी कारण दिल्ली समेत उत्तर भारत की हवा में भी प्रदूषण कम हुआ था. इसके बाद सीएम ने दिल्ली के साफ आसमान की फोटो ट्वीट कर लिखा कितना सुंदर शहर है हमारा. जरा सोचिए, अगर पराली जलनी बंद हो जाए तो पूरा साल ऐसा ही नीला आसमान नज़र आएगा और हमारी सेहत भी सुधर जाएगी. दिल्ली के अपने प्रदूषण को भी हमें और कम करना है.

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9 अक्टूबर तक साफ थी दिल्ली की हवा 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा 9 अक्टूबर तक दिल्ली की एयर क्वालिटी संतोषजनक थी. अचानक 10 अक्टूबर से दिल्ली की एयर क्वालिटी खराब, बेहद खराब और फिर खतरानक कैटेगरी में आना चालू हो गयी. दिल्ली में इंडस्ट्री का भी प्रदूषण है, गाड़ियों का भी प्रदूषण है, धूल मिट्टी का भी प्रदूषण है.  इन सारी चीज़ों का प्रदूषण मिला कर भी 9 अक्टूबर तक का डाटा दिखाता है की एयर क्वालिटी इंडैक्स  90 से लेकर 130 था. 9 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा संतोषजनक स्थिति में थी. अचानक 10 अक्टूबर से एयर क्वालिटी इंडैक्स  200 के ऊपर पार कर गए.  नासा की तस्वीरें दिखाती हैं की 10 अक्टूबर से ही पराली जलने के लाल धब्बे तस्वीरों में आने शुरू हो गए. इससे साफ है कि वर्तमान प्रदूषण के लिए पराली जलना ही जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अगर पड़ोसी राज्य पराली जलाना बंद नहीं कर रहे तो दिल्ली के लोग आखिर क्यों तकलीफ झेलें और कब तक झेलें.

दिल्ली ने अपना प्रदूषण कम करने के लिए सबकुछ किया: सीएम
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली ने अपना प्रदूषण कम करने के लिए सब कुछ किया. हमने 24 घंटे बिजली देकर जनरेटर बंद किया. इंडस्ट्री को सीएनजी किया. ऑड ईवन कर लोकल प्रदूषण को नियंत्रित किया. सीएम ने कहा आज हम सब लोग जानते हैं कि दिल्ली में आज प्रदूषण का जो हाल है वह पड़ोस के राज्यों में जल रही पराली की वजह से है. इसके पीछे दिल्ली के स्थानीय प्रदूषण का योगदान नहीं है. ऑड ईवन नियम दिल्ली के लोकल प्रदूषण को कम करता है. दिल्ली में लगभग तीस लाख गाड़ियां प्रतिदिन सड़क पर उतरती हैं. ऑड ईवन में 15 लाख गाड़ियां सड़क से हट जाती हैं. इससे दिल्ली के स्थानीय  प्रदूषण में कमी ही आएगा. लेकिन, दिल्ली के वर्तमान प्रदूषण में पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली सबसे बड़ी वजह रही.

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