निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई.
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नई दिल्ली: निर्भया केस (Nirbhaya Case) के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 पर तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में फांसी दे दी गई. चारों दोषियों की जेल में गई कमाई का अब क्या होगा. चारों दोषियों की जेल में की गई कमाई को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा.
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई. इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है. इन चारों दोषियों को दुष्कर्म के एक मामले में फांसी की सजा दी गई.
निर्भया के दोषियों को अदालत द्वारा दिए गए मृत्युदंड के फैसले को क्रियान्वित करने का काम पवन जल्लाद ने किया. पवन का परिवार कई पीढ़ियों से जल्लाद का काम करता आ रहा है. पवन के पर-दादा लक्ष्मण, दादा कालू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद भी फांसी की सजा को क्रियान्वित करने का काम किया करते थे.
निर्भया के दोषियों को शुक्रवार तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद लंबे समय से पीड़िता को इंसाफ मिलने की राह देख रहे लोगों ने राहत की सांस ली. दिसंबर 2012 में एक मेडिकल छात्रा के साथ निर्मम तरीके से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को आखिरकार उनके किए की सजा मिल गई, जिससे समाज में जघन्य अपराध की सोच रखने वालों के मन में भी डर पैदा होगा.
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने पुष्टि की कि चार दोषियों - विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को सुबह 5.30 बजे एक साथ फांसी दी गई और उन्हें सुबह 6:10 बजे मृत घोषित कर दिया गया. फांसी दिए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मेरी बेटी को आज न्याय मिलने से मैं संतुष्ट महसूस कर रही हूं.
फांसी के बाद जल्लाद पवन ने कहा, "मैं चार दोषियों को फांसी देने के बाद खुशी महसूस कर रहा हूं. मैंने इस पल का लंबे समय तक इंतजार किया था."