लाभ का पद: आप विधायकों की याचिका पर दिल्ली HC की डिवीजन बेंच में सुनवाई कल
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लाभ का पद: आप विधायकों की याचिका पर दिल्ली HC की डिवीजन बेंच में सुनवाई कल

इससे पहले सुनवाई के दौरान 20 विधायकों के वकील ने चुनाव आयोग पर उनका पक्ष न सुनने और एकपक्षीय फैसला देने का आरोप लगाया था.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग के जिरह की इजाजत न देने के आदेश के खिलाफ आप विधायकों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच गुरुवार को सुनवाई करेगी.दरअसल, पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने डिवीजन बेंच को मामला ट्रांसफर कर दिया था.यहां पर बता दें कि लाभ का पद के इस मामले को अब वही हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच सुनेगी जिस बेंच ने राष्ट्रपति के फैसले को निरस्त करते हुए दोबारा चुनाव आयोग (EC) को विधायकों की दलील सुनने का आदेश दिया था. जस्टिस वी. कामेश्वर राव की बेंच में 20 विधायकों का पक्ष रखते हुए पिछली सुनवाई में केवी विश्वनाथन ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि इस मामले में शिकायत करने वाले प्रशांत पटेल का क्रॉस एग्जामिनेशन होना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा था कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भी बुलाना चाहिए. वहीं, कोर्ट ने सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच को मामला ट्रांसफर कर दिया था.आपको बता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान 20 विधायकों के वकील ने चुनाव आयोग पर उनका पक्ष न सुनने और एकपक्षीय फैसला देने का आरोप लगाया था. इससे पहले 17 जुलाई को AAP विधायकों की मांग आयोग ने ठुकरा दी थी.चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें याचिकाकर्ता से प्रतिवादियों को जिरह (क्रॉस एग्जामिनेशन) करने की इजाजत देने की मांग की गई थी. 

चुनाव आयोग ने बिना जिरह के सुनवाई का दिया था आदेश
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने अपने 70 पन्नों के आदेश में साफ किया था कि इस मामले में याचिकाकर्ता से जिरह (क्रॉस एग्जामिनेशन) की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह इस मामले की कार्यवाही का गवाह नहीं है. साथ ही प्रतिवादीअपनी अर्जी में दी गई दलील के अनुसार इस मामले में किसी गवाह को पेश किए जाने की जरूरत साबित करने में भी नाकाम रहे हैं.इस आधार पर आयोग ने याचिकाकर्ता से जिरह की इजाजत देने की गत 16 मई को दायर की गई विधायकों की अर्जी को खारिज कर दिया था.इसमें विधायकों ने पटेलके अलावा दिल्ली विधानसभा और दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों से अलग-अलग जिरह करने की इजाजत मांगी थी, जिन्होंने विभिन्न दस्तावेजों सबूतों के आधार पर विधायकों द्वारा बतौर संसदीय सचिव सरकारी खर्च पर काम करने और वित्तीय लाभ लेने की बात कही थी. 

चुनाव आयोग में 20 अगस्त से अंतिम सुनवाई
लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ दायर याचिका पर चुनाव आयोग 20 अगस्त को सुनवाई करेगा.दरअसल, चुनाव आयोग को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार लाभ के पद की परिभाषा तय करने के मामले में अंतिम दौर की सुनवाई करना है.क्योंकि पिछली सुनवाई मेंआयोग ने आप के 20 विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें याचिकाकर्ता से प्रतिवादियों को जिरह (क्रॉस एग्जामिनेशन) करने की इजाजत देने की मांग की गई थी. 

क्या है मामला
केजरीवाल सरकार द्वारा संसदीय सचिव नियुक्त किए गए आप के 20 विधायकों को लाभ के पद पर होने की वजह से विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली प्रशांत पटेल की याचिका पर आयोग सुनवाई कर रहा है.हाईकोर्ट से विधायकों की सदस्यता बहाल किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने 17 मई से मामले की सुनवाई दोबारा शुरू कर दी थी.इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की सिफारिश और राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था.हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए अपने आदेश में कहा था कि आपने विधायकों को बिना ठीक से सुने फैसला सुनाया था इसलिए आप इस मामले की दोबारा सुनवाई करें.इसी के बाद चुनाव आयोग ने विधायकों को फिर से सुनवाई को बुलाया था. 

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