दिल्ली: केजरीवाल की कैबिनेट में नहीं शामिल होगा कोई नया चेहरा, बाहरी नेताओं को न्योता नहीं
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दिल्ली: केजरीवाल की कैबिनेट में नहीं शामिल होगा कोई नया चेहरा, बाहरी नेताओं को न्योता नहीं

रामलीला मैदान में होने जा रहे इस शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ दिल्ली की जनता को बुलाया गया है.

दिल्ली: केजरीवाल की कैबिनेट में नहीं शामिल होगा कोई नया चेहरा, बाहरी नेताओं को न्योता नहीं

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) 16 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. रामलीला मैदान में होने जा रहे इस शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ दिल्ली की जनता को बुलाया गया है. सूत्रों की मानें तो ताजपोशी कार्यक्रम में किसी भी विपक्षी दल के नेता या किसी दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट में सभी पुराने मंत्रियों को बरकरार रखा जा सकता है. फिलहाल कोई नया चेहरा मंत्रिमंडल में देखने को नहीं मिल सकता है.

मनीष सिसोदिया ने कहा, "16 फरवरी को दिल्ली का बेटा अरविंद केजरीवाल रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. दिल्ली की जनता से अपील है कि आप सभी लोग सुबह 10 बजे इस आयोजन में शामिल होने रामलीला मैदान आएं."

केजरीवाल को एक बार फिर नेता चुना
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों बुधवार को हुई एक बैठक में अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर नेता चुन लिया गया. आप के नवनिर्वाचित विधायकों की औपचारिक बैठक में मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के नाम का प्रस्ताव किया, जिसका सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया. विधायक दल की बैठक में पूर्व की केजरीवाल सरकार के सदस्यों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और गोपाल राय सहित सभी विधायक मौजूद रहे.

दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव
बैठक शुरू होते ही अरविंद केजरीवाल के बगल वाली सीट पर बैठे मनीष सिसोदिया ने विधायकों के समक्ष केजरीवाल को विधायक दल का नेता व दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा. सिसोदिया के इस प्रस्ताव का सभी विधायकों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया और केजरीवाल को औपचारिक रूप से आप के विधायक दल का नेता चुन लिया गया.

 

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