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नई दिल्ली: दिल्ली के 90 से अधिक निजी स्कूलों ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दावा किया कि उन्होंने उनके द्वारा ली गई अतिरिक्त फीस की 75 प्रतिशत राशि जमा करने के आदेश का पालन किया है. इसके अलावा, करीब 20 स्कूलों का कहना है कि वे दो दिन से दो हफ्ते के बीच में फीस की 75 प्रतिशत राशि जमा करेंगे. उच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह समिति ने छात्रों को फीस की इतनी राशि वापस करने की सिफारिश की थी.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी की पीठ ने उन स्कूलों को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से बचाया जिन्होंने दावा किया कि उन्होंने उच्च न्यायालय रजिस्ट्री में धन जमा कर दिया है. हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा उनके दावों का सत्यापन किया जा रहा है.
पीठ ने कहा कि अदालत को बताए समय के अंदर धन जमा करने वाले स्कूलों को भी किसी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया जाएगा. उनके दावों का शिक्षा निदेशालय द्वारा सत्यापन होना है. पीठ ने दिल्ली सरकार के निदेशालय से सभी मामलों में राशि जमा करने के दावों का सत्यापन करने और अदालत को सुनवाई की अगली तारीख 27 अक्तूबर तक जानकारी देने को कहा.