पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में गुरमीत राम रहीम दोषी करार, हो सकती है गंभीर सजा
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पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में गुरमीत राम रहीम दोषी करार, हो सकती है गंभीर सजा

शाम होते-होते बाबा नॉर्मल हो गया उसने शाम को जेल में मिलने वाली चाय भी पी और ब्रेड भी लिया. हर रोज राम रहीम जेल में इवनिंग वॉक करता है उसने उस दिनचर्या को भी और दिनों की भांति ही किया.

गुरमीत राम रहीम के खिलाफ जाने पर हुई थी पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या

(राजन शर्मा)/पंचकूलाः बाबा राम रहीम पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में पंचकूला के विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया है. बाबा के अलावा उसके तीन और सहयोगियों को भी दोषी करार दिया गया है, जिनके नाम कृष्ण लाल निर्मल सिंह और कुलदीप हैं. इन चारों आरोपियों में से चूंकी बाबा राम रहीम रोहतक जेल के अंदर बंद था इसलिए उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. सजा सुनने के बाद बाबा राम रहीम बिल्कुल शांत रहा शायद उसे पता लग चुका था कि उसके किए हुए बुरे कर्मों का फल अब उसे मिल रहा है. हालांकि शाम होते-होते बाबा नॉर्मल हो गया उसने शाम को जेल में मिलने वाली चाय भी पी और ब्रेड भी लिया. हर रोज राम रहीम जेल में इवनिंग वॉक करता है उसने उस दिनचर्या को भी और दिनों की भांति ही किया.

रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड केस पर सीबीआई कोर्ट का फैसला आज

हमारे जेल के सूत्रों ने बताया कि कल भी राम रहीम शांत था किसी से बात नहीं कर रहा था, लेकिन उसने कल रात को भी खाना खाया और आज सुबह भी उसने शांतिपूर्वक आराम से अपना खाना पूरा खाया और आज भी वह शांत ही रहा. गौरतलब है कि बाबा राम रहीम पहले ही साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है और आज 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में उसे दोषी ठहराया गया है. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति सिरसा में अपना एक लोकल समाचार पत्र चलाते थे. डेरा प्रमुख राम रहीम और उसके साथियों को 2002 में हुई उनकी हत्या के मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी पाया है.

राम रहीम हत्या के केस में दोषी करार, 17 जनवरी को सज़ा सुनाई जाएगी

बाबा राम रहीम और उसके साथियों को सजा कितनी होगी इसका फैसला 17 जनवरी को होगा. आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 120 बी के तहत बाबा राम रहीम दोषी पाया गया है, उसमें कम से कम सजा उम्रकैद और अधिकतम सजा सजा ए मौत हो सकती है. जेल के सूत्रों ने बताया कि बाबा के व्यवहार में कोई भी फर्क नहीं आया है, वह पहले भी किसी से बात नहीं करता था और आज भी उसने किसी से बात नहीं की. उसने सिर्फ फैसला सुना और वापस अपनी बैरक में चल दिया शाम को जेल मैन्युअल के हिसाब से जब उसे चाय और ब्रेड दी गई तो उसने वह भी खाया.

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