सर्वे का मकसद दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण समुदाय में कितना फैल चुका है, यह पता लगाना है.
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नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,460 नए मामले सामने आए हैं. शहर में कुल संक्रमितों की संख्या 77,000 के पार हो गई है. इस खतरनाक वायरस की वजह से अब तक 2,492 लोगों की जान जा चुकी है. पिछले 24 घंटे में 63 लोगों की मौत हुई. मृतकों की संख्या 2,492 हो गई है और संक्रमितों की संख्या 77,240 है.
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार से पूरी दिल्ली में शनिवार से कोरोना रेस्पॉन्स प्लान के तहत सिरोलॉजिकल सर्वे (Serological survey) किया जाएगा. सर्वे का मकसद दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण समुदाय में कितना फैल चुका है, यह पता लगाना है. आज से दिल्ली के सभी 11 जिलों में यह सर्वे शुरू होगा. इसके लिए 1100 टीम बनाई गई हैं जो 27 जून से 30 जून तक लगातार टेस्टिंग करेंगी.
ये सर्वे राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Center for Disease Control) और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग मिल कर कर रहे है. इसमें दिल्ली में मौजूद 262 कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे. दिल्ली के अलग-अलग वर्ग और उम्र के कुल 20 हजार लोगों के सैंपल कलेक्ट किए जाएंगे. सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. इसके लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. वहीं सर्वे पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी जिला उपायुक्तों को दी गई है.
दिल्ली सरकार द्वारा सर्वे टीम भी तय कर दी गई है. इसमें संबंधित इलाके की आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही सैंपलिंग के लिए प्रशिक्षित नर्स व लैब टेक्निीशियन शामिल किए गए हैं. दिल्ली में फिलहाल 266 कंटेनमेंट जोन हैं.
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क्या होता है serological टेस्ट?
सेरोलॉजिकल टेस्ट यानी आपके रक्त की जांच जिससे आपके शरीर मे ऐंटीबॉडी का पता चलता है. इस टेस्ट में महज आधे घंटे में खून की जांच के आधार पर यह पता चल जाएगा कि व्यक्ति में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी है या फिर नहीं. एंटीबाडी यानी कि वायरस से लड़ने में आपके शरीर की क्षमता जो आपकी इम्युनिटी पर निर्भर करती है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर एक व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट में आता है और उसमें किसी भी प्रकार का लक्षण नहीं होता, तो पांच से सात दिन में उसके शरीर में एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं. यानी आपका शरीर उस वायरस से लड़ने के लिए तैयार है.