सोनिया गांधी इन दिनों पार्टी को बेहतर करने के लिए कोशिश में लगी हुई हैं. इसी कड़ी में आज शाम कांग्रेस शासित तमाम मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक अपने आवास 10 जनपथ पर बुलाई है.
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नई दिल्लीः सोनिया गांधी इन दिनों पार्टी को बेहतर करने के लिए कोशिश में लगी हुई हैं. इसी कड़ी में आज शाम कांग्रेस शासित तमाम मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक अपने आवास 10 जनपथ पर बुलाई है. कांग्रेस अध्यक्षा कि दूसरी बार जिम्मेदारी संभालने के बाद वह फिर से पार्टी को वही गति और दिशा देने की कोशिश में नजर आ रही हैं, जो पहले नजर आती थी. सोनिया गांधी जब से अध्यक्ष बनी हैं वह काफी सक्रिय नजर आ रही हैं और एक के बाद एक बैठक कर रही हैं. वहीं जिन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों के लिए रणनीति तैयार करने पर भी वह विशेष ध्यान दे रही हैं.
ऐसे में सोनिया गांधी ने अपने आवास 10 जनपथ पर बैठक बुलाई है, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्स्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी शामिल होंगे. इस बैठक में सोनिया गांधी जिन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों से संबंधित कई पेंडिंग पड़े निर्णयों पर मुहर लगा सकती हैं.
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सोनिया गांधी ने ऐसे समय पर यह मीटिंग बुलाई है, जब कांग्रेस में आपसी टकराव की खबरें आम हो चुकी हैं. ऐसे में उन्होंने उन सभी को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिन्होंने न सिर्फ पार्टी पर सवाल खड़े किए, बल्कि राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते हुए उनके निर्णयों पर भी सवाल खड़े किए थे. सोनिया गांधी ने हरियाणा में बड़ी जिम्मेदारी दी है, जिससे एक बात और साफ होती नजर आ रही है, कि राहुल गांधी के समय कांग्रेस अलग थी और सोनिया गांधी के आने से यह दोबारा एक अलग कांग्रेस नजर आ रही है.
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सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद की कमान संभालते ही डेढ़ महीने के अंदर पार्टी के तमाम आला अधिकारियों, पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुला ली है. उस बैठक में अपने अध्यक्षीय भाषण में कई सारी चीजें बिलकुल स्पष्ट कर दी. राहुल गांधी के चार साल अध्यक्ष रहने के दौरान पार्टी को कुछ समझ नहीं आया कि सोशल मीडिया से काम नहीं चलने वाला, बल्कि पार्टी को जमीन पर उतारना पड़ेगा. इसको भी सोनिया गांधी ने महसूस किया और तमाम पार्टी के आला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अब सिर्फ सोशल मीडिया से काम नहीं चलेगा बल्कि आपको सड़कों पर उतरना होगा.