Ajmer Dargah: एकलिंग मंदिर को कब्जा कर बनाई गई थी अजमेर की दरगाह? इस संगठन ने उठाई सर्वे की मांग
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Ajmer Dargah: एकलिंग मंदिर को कब्जा कर बनाई गई थी अजमेर की दरगाह? इस संगठन ने उठाई सर्वे की मांग

Ajmer Dargah: क्या अजमेर की दरगाह भगवान शिव के एकलिंग मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. कुतुब मीनार और ज्ञानवापी के बाद अब एक संगठन ने इस दरगाह पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं और एएसआई से उसके सर्वे की मांग की है. 

Ajmer Dargah: एकलिंग मंदिर को कब्जा कर बनाई गई थी अजमेर की दरगाह? इस संगठन ने उठाई सर्वे की मांग

Ajmer Dargah: ज्ञानवापी मंदिर को लेकर अभी तक कोर्ट का अंतिम फैसला नही आया है. इसी बीच कुतुब मीनार और ताजमहल के बाद अजमेर की हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह (Ajmer Dargah) को लेकर चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. दरअसल महाराणा प्रताप सेना (Maharana Pratap Sen) के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार (Rajvardhan Singh Parmar) ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया. उस तस्वीर को वर्तमान अजमेर की हजरत दरगाह की किसी हिस्से की बताई जा रही है. 

इस तस्वीर में नजर आ रही एक खिड़की के हिस्से पर स्वास्तिक बने होने का दावा किया जा रहा. तस्वीर के ऊपर लिखे गए कैप्शन 'अजमेर की दरगाह में भी लोचा है! दरवाजों पर स्वास्तिक का क्या काम है? इस्लाम में स्वास्तिक चिन्ह तो नापाक है. यह दरगाह पृथ्वीराज के द्वारा बनाया गया एकलिंग मंदिर को कब्जा करके बनाई गई है.'

ASI से दरगाह का सर्वे करवाने की मांग

इस दावे को लेकर संगठन अध्यक्ष ने राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा. पत्र के मुताबिक अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा दरगाह (Ajmer Dargah) एक प्राचीन मंदिर है. पत्र में दरगाह की दीवारों से हिंदू धर्म से संबंधित कमल के फूल और स्वास्तिक जैसे प्रतीक मिलने का दावा भी किया गया है. इतना ही नहीं, पत्र में ये अनुरोध भी किया गया कि भारतीय पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण भी कराया जाए. सर्वेक्षण के परिणाम स्वरूप हिंदू धर्म के प्रतीक मिलने के लिए भी आश्वस्त किया गया है. 

इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, राजस्थान के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन मेघवाल और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को भी भेजा गया है. संगठन अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर कोर्ट में कानूनी तौर पर अर्जी देने की भी बात कही है. इसी मामले को लेकर संगठन आज यानि 26 मई को सुबह 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस भी करेगा.

सड़कों से मुगलों के नाम हटाने का भी आग्रह

गौरतलब है कि इससे पहले संगठन (Maharana Pratap Sen) ने राजधानी दिल्ली की तीन सड़कों के नाम बदलने की मांग की थी. जिसमें अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप मार्ग, शाहजहां रोड का नाम बदलकर परशुराम मार्ग और हुमायूं रोड का अहिल्याबाई होलकर करने की मांग की थी. आधिकारिक तौर पर नाम ना बदले जाने की स्थिति के सवाल पर राजवर्धन ने बीजेपी को चेताया कि आने वाले आम चुनाव में संगठन और समाज के लोग बीजेपी का बहिष्कार करेंगे.

30 मई को ताजमहल में पढ़ेंगे शिव चालीसा

आपको बता दें कि महाराणा प्रताप सेना (Maharana Pratap Sen), ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहल रखने की मांग कर रही है. अध्यक्ष परमार (Rajvardhan Singh Parmar) के मुताबिक आने वाली 30 मई को तकरीबन 4 से 5 लाख लोग ताजमहल की तरफ रुख करेंगे और ताजमहल परिसर के भीतर शिव चालीसा का पाठ करेंगे. अध्यक्ष का कहना है कि ताजमहल में शिव चालीसा के पाठ की अनुमति के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिख दिया है. अनुमति ना भी मिलने पर भी वे परिसर के अंदर इस कार्यक्रम को संपन्न करेंगे. अध्यक्ष परमार ने पुलिस को रोकने की चुनौती भी दे डाली. लखनऊ के केंद्रीय कार्यालय से इस अभियान की शुरुआत होगी.

इसके साथ संगठन ने चेतावनी दी कि जल्द ही असदुद्दीन ओवैसी के सभी आवासों पर गंगाजल छिड़क कर उसका शुद्धिकरण किया जाएगा. राजवर्धन सिंह परमार के मुताबिक एक ही रट लगाने वाले असदुद्दीन के आवास के सामने शिव चालीसा भी की जाएगी. अगर इसे अपराध बताकर पुलिस जेल भी भेजेगी तो जाने को तैयार हूं.

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कुतुब मीनार में मांगी थी पूजा की अनुमति

राजवर्धन सिंह परमार (Rajvardhan Singh Parmar), कुतुब मीनार में पूजा के अधिकार की मांग कर रहे थे. हालांकि एएसआई के जवाब के बाद कुतुब मीनार के अंदर अब किसी प्रकार की धार्मिक पूजा पाठ/ दुआ नही की जा सकेगी. कुतुब मीनार के अंदर होने वाली कथित नमाज पर बीती 13 मई से ही पाबंदी लग जाने का दावा किया जा रहा है. हालांकि एएसआई के मुताबिक एतिहासिक इमारत एएसआई के तहत प्रोटेक्टेड है. ऐसे में यहां पहले भी कभी किसी तरह के धार्मिक अनुष्ठान की इजाजत नहीं दी गई. मगर मस्जिद के इमाम का दावा है कि वो 40 साल से भी ज्यादा वक्त से यहां नमाजी नमाज करते आए हैं.

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