चीन की मनमानी, अब कैलाश मानसरोवर के श्रद्धालुओं को पवित्र झील में डुबकी लगाने से रोका
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चीन की मनमानी, अब कैलाश मानसरोवर के श्रद्धालुओं को पवित्र झील में डुबकी लगाने से रोका

चीन अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है. अब खबरें अा रही हैं कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए यात्रियों को पवित्र मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है.

इस यात्रा पर गए एक जत्थे ने चीन प्रशासन पर ये आरोप लगाया है. फोटो : एएनआई

नई दिल्ली : एक बार फिर से चीन अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए मनमानी पर उतर आया है. इस बार वह अपना जोर कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए श्रद्धालुओं के खिलाफ दिखा रहा है. इस बार चीन ने इस यात्रा के लिए नाथु ला मार्ग खोल दिया है. लेकिन वह अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है. अब खबरें अा रही हैं कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए यात्रियों को पवित्र मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है.

  1. इस बार डेढ़ हजार यात्री करेंगे मानसरोवर की यात्रा
  2. दो मार्गों से पूरी होती है हर साल ये यात्रा
  3. इससे पहले नाथु ला मार्ग वाला रास्ता रोक दिया था चीन ने

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एएनआई के अनुसार, एक जत्थे ने इस बारे में शिकायत की है. उनका आरोप है कि चीन के अधिकारी उन्हें यहां पवित्र झील में स्नान करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

करीब 20 दिन पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषणा करते हुए कहा था कि डोकलाम गतिरोध के बाद नाथू ला के रास्ते बंद की गई कैलाश मानसरोवर यात्रा चीन ने फिर से बहाल कर दी है.

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चीन के तिब्बत वाले हिस्से में मौजूद कैलाश मानसरोवर के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से हर साल जून से सितंबर के बीच यात्रा का आयोजन किया जाता है. पिछले साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान नाथू ला दर्रा बंद था, जिस वजह से तीर्थयात्रियों को काफी मुश्किल हुई थी. यह रास्ता थोड़ा आसान माना जाता है. अब चीन ने श्रद्धालुओं के लिए इसे फिर से खोल दिया है.

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केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार कुल 1 हजार 580 तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे. यह यात्रा दो मार्गों से पूरी की जाती है. एक मार्ग है उत्तराखंड का लिपुलेख दर्रा और दूसरा रूट है सिक्किम का नाथू ला. इस बार की यात्रा में 18 बैच बनाए गए हैं, इसमें हर बैच में 60 तीर्थयात्री हैं. वे लिपुलेख दर्रे से जाएंगे जबकि 10 बैच जिसमें हर बैच में 50 तीर्थयात्री होंगे, वे नाथू ला दर्रे से यात्रा पर जाएंगे.

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