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नई दिल्ली: किसान आंदोलन का भविष्य देश की संसद में बना कानून तय करेगा? सुप्रीम कोर्ट तय करेगा? या फिर कनाडा में बैठे अलगाववादी संगठन फैसला करेंगे कि किसान आंदोलन में किसान नेता क्या करें या न करें ? ये सवाल पूछने की वजह कनाडा से दी गई एक धमकी है जिसकी जानकारी All India Kisan Co-ordination Committee के विनोद आनंद ने देश के कृषि मंत्री को दी है.
जब विनोद आनंद, कृषि मंत्री को जानकारी दे रहे थे उसी वक्त भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने उस कमेटी से खुद को अलग कर लिया, जो सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं और सरकार के बीच सहमति बनाने के लिए बनाई है. उनका कहना है कि एक किसान और यूनियन लीडर होने के नाते जनता और किसानों की भावनाओं और शंकाओं को देखते हुए वो कमेटी से अलग हो रहे हैं. वो किसानों के हितों से समझौता नहीं कर सकते हैं.
हम ये नहीं कह रहे कि भूपिंदर सिंह मान के फैसले का कनाडा वाली धमकी से कोई रिश्ता है. पर कमेटी से नाम वापस लेने की टाइमिंग्स सवाल तो खड़े कर रही है. हम लगातार देश को बता रहे हैं कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) में खालिस्तान के कई संगठन सक्रिय हैं. इनमें से कुछ कनाडा (Canada) से संबंध रखते हैं.
भारत में प्रतिबंधित संगठन Sikhs For Justice ने सुप्रीम कोर्ट को एक चिट्ठी लिखी और धमकी दी कि वो पंजाब को अलग देश बनाने के लिए लंदन में 15 अगस्त को जनमत संग्रह कराएगा. इससे एक दिन पहले इसी संगठन ने कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड में अगर कोई व्यक्ति खालिस्तान का झंडा लहराएगा तो उसे करीब दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे. Sikhs For Justice खालिस्तान का समर्थन करने वाला एक देश विरोधी संगठन है.
आपको याद होगा 2 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई थी, जिनको आंदोलन कर रहे किसानों से बात करनी है. अब इस कमेटी में 2 कृषि अर्थशास्त्री और एक किसान नेता ही बचे हैं.
ऐसे में संभव है कि किसानों की ये समिति नए सदस्य की नियुक्ति तक शायद ही काम शुरू कर पाए क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने तो 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी. पर अब इस कमेटी में एक सदस्य के नहीं होने से तीन सदस्य ही बचे हैं.
आज केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों के बीच 9वें दौर की बातचीत होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीद है कि ये बातचीत सार्थक होगी, क्योंकि सरकार खुले मन से किसानों की समस्याओं पर विचार करेगी.