DNA ANALYSIS: Lockdown का सबसे बड़ा असर, 104 शहर के लोगों ने साफ हवा में ली सांस
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DNA ANALYSIS: Lockdown का सबसे बड़ा असर, 104 शहर के लोगों ने साफ हवा में ली सांस

Lockdown का एक बड़ा असर ये है कि पिछले कुछ समय में, देश के 104 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर 25 प्रतिशत तक कम हो गया है. 

DNA ANALYSIS: Lockdown का सबसे बड़ा असर, 104 शहर के लोगों ने साफ हवा में ली सांस

Lockdown का एक बड़ा असर ये है कि पिछले कुछ समय में, देश के 104 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर 25 प्रतिशत तक कम हो गया है. आज दिल्ली का औसत AQI  यानी Air Quality Index 71 है. पिछले वर्ष मार्च महीने में ये आंकड़ा 160 के करीब था. पिछले हफ्ते दिल्ली के कुछ इलाकों का AQI, 50 के करीब पहुंच गया था और इसकी वजह Lockdown के बाद वायु प्रदूषण में आई कमी है. आपने ध्यान दिया होगा कि दिल्ली में आजकल आसमान पहले से ज्यादा नीला है. आज हमने Drone Camera से दिल्ली के Connaught Place, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और Signature Bridge सहित कई और Landmarks के कुछ Videos रिकॉर्ड किए हैं. और इन Videos में आप दो बातें खास तौर पर नोटिस करेंगे . पहला, Lockdown की वजह से ये जगहें लगभग खाली हैं यानी इनमें लोग और गाड़ियां बहुत कम नजर आ रहे हैं. और दूसरी बात ये है कि, प्रदूषण में कमी की वजह से ये तस्वीरें बहुत ही साफ-सुथरी दिख रही हैं.

इसी तरह मुंबई में भी आज का AQI, 66 है यानी दिल्ली की तरह मुंबई में भी वायु प्रदूषण का स्तर संतोषजनक है. जबकि मार्च 2019 में वहां का AQI औसतन 153 था. अगर हमारे देश की हवा हमेशा इतनी साफ रहती तो लोगों की immunity यानी रोग से लड़ने की शक्ति भी बेहतर होती और शायद. भारत के लोग Corona Virus के संक्रमण का मुकाबला और बेहतर तरीके से कर पाते.  

प्रकृति हमेशा नियमों का पालन करती है. प्रकृति में सब तय समय पर होता है, जैसे सूर्य अपने समय पर उगता है, चंद्रमा अपने समय पर निकलता है. मौसम के आने जाने का भी समय तय है. लेकिन जब इंसान प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ करता है तो समस्या खड़ी होती है. इस महामारी का दौर भी हमारे अनुशासन की परीक्षा ले रहा है. इस वायरस ने हमें नियमों का महत्व सिखाया है और बताया है कि जब हम अनुशासन नहीं मानते..तो नतीजे बहुत डरावने होते हैं.

लेकिन बावजूद इसके हमारे देश में बहुत सारे लोगों को नियमों की परवाह नहीं है, अनुशासन इनके लिए आज भी एक पहेली की तरह है. Corona Virus को हराने का सबसे बड़ा हथियार भी संकल्प और अनुशासन ही है. और जिन लोगों के पास अनुशासन और संकल्प की कमी है वो सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि दूसरों की जान के लिए भी खतरा बन जाते हैं.भारत में धर्म की दृष्टि में मृत्यु को जीवन का ही अंग माना गया है. लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि आप अपनी ज़िंदगी को दांव पर लगा दें. ये मान लें कि मौत तो आनी ही है... और अपने साथ-साथ पूरे समाज को भी संकट में डाल दें.

उदाहरण के लिए हमारे देश में लोग हेलमट भी अपनी जान बचाने के लिए नहीं बल्कि चालान बचाने के लिए पहनते हैं. यानी लोगों के लिए जान से बढ़कर चालान है. अनुशासन की कमी की वजह से भारत के लोग गलत दिशा में वाहन चलाते हैं, रेड लाइट जंप करते हैं, सड़क पर नियमों का उल्लंघन करते हैं और पकड़े जाने पर जान-पहचान निकालकर बचने की कोशिश करते हैं . ये लोग इन नियमों को Optional यानी वैकल्पिक मानते हैं और इन्हें कानून की ज़रा भी परवाह नहीं होती.

लेकिन ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि अगर Corona Virus जैसी बीमारी ने पकड़ लिया तो आप ये कहकर बच नहीं पाएंगे कि आपकी पहचान बड़े बड़े लोगों से हैं और आप अपने रसूख के दम पर कुछ भी कर सकते हैं.आप No Parking में गाड़ी खड़ी करते...ये तो कह सकते हैं कि मैं अभी बस पांच मिनट में आ रहा हूं, लेकिन बीमारी की पकड़ में आने के बाद आप ऐसे बहाने नहीं बना पाएंगे. आप आजादी के नाम पर सड़कों पर थूक तो सकते हैं, बिना मुंह और नाक ढंके खांस और छींक तो सकते हैं..लेकिन Corona Virus के सामने ... सब चलता है वाली सोच, काम नहीं करेगी .

इसलिए नियमों का सम्मान करना सीखिए. प्रकृति के संदर्भ में बड़ी बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होगा . प्रकृति से हमें अनुशासन का पाठ भी सीखना होगा . सरकार और प्रशासन वायरस को आपसे दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं...लेकिन हंमार देश के कुछ लोग खुद वायरस के पीछे पीछे भाग रहे हैं . हमें इस मानसिकता को बदलना होगा.

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