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नई दिल्ली: विपक्ष के सांसदों ने राज्य सभा (Rajya Sabha) के हंगामे को सड़क पर ले जाकर ये बताने की कोशिश की कि संसद (Parliament) में उनके साथ जोर जबरदस्ती की गई. लेकिन वीडियो में दिख रहा है कि विपक्षी सांसदों ने महिला Marshals के साथ धक्का-मुक्की की थी. गुरुवार को जब राज्य सभा में इंश्योरेंस बिल पेश किया गया तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया.
इस दौरान Rule Book और Papers फाड़े गए. कुर्सियों और टेबल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई. इसके बाद इन सासंदों को काबू में करने के लिए Marshals बुलाए गए जिनमें महिला Marshal भी शामिल थीं. लेकिन वहां मौजूद सांसदों ने एक महिला मार्शल के साथ ही धक्का-मुक्की शुरू कर दी. जिससे उन्हें चोट भी आई.
ऐसी ही धक्का-मुक्की एक पुरुष मार्शल के साथ भी की गई. एक सांसद ने उनका कॉलर पकड़ लिया. जिसके बाद इस Marshal का दम घुटने लगा. ये सांसद Marshals के द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़कर सभापति वैंकया नायडू की टेबल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.
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हालांकि विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि Marshals ने उनकी महिला सांसदों के साथ बदसलूकी की थी लेकिन तस्वीरें कुछ और ही कहानी बता रही हैं. वैसे तो राज्य सभा को संसद का उच्च सदन कहा जाता है लेकिन ये तस्वीरें बताती हैं कि हमारे देश के नेताओं का व्यवहार कभी-कभी कितने निम्न स्तर पर पहुंच जाता है.
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इसी हंगामे के साथ संसद का मानसून सत्र तो समाप्त हो गया लेकिन आज ये हंगामा संसद से निकलकर सड़क तक पहुंच गया और इसकी कीमत देश के आम लोगों ने अपनी जेब से चुकाई. संसद की कार्रवाई पर जो खर्च आता है वो देश के Tax Payers चुकाते हैं. लेकिन इस बार Taxpayers के 150 करोड़ रुपये खराब हो गए और किसी के माथे पर कोई शिकन तक नहीं आई.
ये उस देश का हाल है जहां खिलाड़ियों के पास पहनने के लिए जूते तक नहीं होते. इस बार लोक सभा की कार्रवाई कुल 96 घंटे चलनी थी. लेकिन लोक सभा में सिर्फ 21 घंटे ही काम हो पाया और बाकी के 76 घंटे बर्बाद हो गए.
अब आप सोचिए कि अगर आप नौकरी करते हैं तो क्या आपको आपकी कंपनी काम के 96 घंटे में से 76 घंटे बर्बाद करने देगी. आपसे या तो इस्तीफा मांग लिया जाएगा या फिर आपकी सैलरी काट ली जाएगी. इसके बावजूद हमारे देश में सांसदों की सैलरी पिछले दो दशकों में करीब 1400 परसेंट बढ़ी है यानी हर साल करीब 70 प्रतिशत और इसके बदले में देश के लोगों को संसद से लेकर सड़क तक नेताओं का सिर्फ लड़ाई-झगड़ा देखने को मिलता है.
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जब पत्रकार देश के लोगों का पैसा बर्बाद करने वाले नेताओं से सवाल पूछते हैं तो ये नेता पत्रकारों से सवाल करने लगते हैं. राहुल गांधी चाहते हैं कि कोई उनसे सवाल करने की हिम्मत ना करे. फिर भले ही उनकी पार्टी के नेता संसद में सारी मर्यादाओं की धज्जियां ही क्यों ना उड़ा दें.
ये नेता पहले ये लड़ाई सिर्फ सोशल मीडिया पर लड़ लिया करते थे. लेकिन Twitter ने कांग्रेस के 21 नेताओं के Accounts Suspend कर दिए हैं. इनमें राहुल गांधी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और अजय माकन जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं. इसलिए ये नेता देश की जनता की नजर में आने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं और इसमें संसद में हंगामे से लेकर सड़क पर राजनीतिक Stunt तक सब कुछ शामिल है.
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